PAHALGAM TERROR ATTACK: कश्मीर में पर्यटकों से ‘पहले 1500 कमाते थे, अब 100 रुपए भी मुश्किल’

PAHALGAM TERROR ATTACK: आतंकी हमले के बाद शिकारा मालिकों और अन्य पर्यटन व्यवसायियों की आजीविका संकट में आ गई है। वे प्रतिदिन 1500 रुपये तक कमाते थे, अब मुश्किल से 100 रुपये कमा पा रहे हैं।

PAHALGAM TERROR ATTACK: उज्जवल प्रदेश, श्रीनगर. पहलगाम (PAHALGAM) आतंकी (TERROR) हमले (ATTACK) का सबसे बुरा असर कश्मीर (Kashmir) के (In) पर्यटन उद्योग पर हुआ है। शिकारा मालिकों और अन्य पर्यटन व्यवसायियों की आजीविका संकट में आ गई है। कश्मीर के सोपोर में स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वुलर झील हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटन के लिहाज से सूनी पड़ी है।

22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर घाटी के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है। वुलर झील के किनारे शिकारा मालिक और पर्यटन पर निर्भर परिवार अब आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि पर्यटकों (Tourists) की आवाजाही लगभग ठप हो चुकी है।

पर्यटकों से अपील-घाटी में आएं

आजीविका के लिए पर्यटकों पर निर्भर रहने वाले शिकारा मालिक हसन ने कहा, “हम पूरे दिन इंतजार करते हैं, लेकिन कोई नहीं आता। कश्मीर अपने आतिथ्य के लिए जाना जाता है। हम शांति और पर्यटन की बहाली की मांग करते हैं। पहलगाम हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं, यह मानवता पर हमला है।” वहीं स्थानीय निवासी मंजूर अहमद, जो पहले (Earlier) प्रतिदिन 1500 रुपये तक कमा (Earn) लेते थे, अब (Now) मुश्किल (difficult) से 100 रुपये (Rupees) कमा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे घाटी में फिर से आएं और वुलर झील सहित कश्मीर की छिपी प्राकृतिक सुंदरता को देखें।

पहलगाम हमले के बाद बर्बाद हुए लोकल?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। अप्रैल-मई में वुलर झील और अन्य पर्यटन स्थलों पर रोजाना हजारों पर्यटक आते थे, लेकिन हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। जिससे शिकारा मालिकों, टैक्सी चालकों और होटल मालिकों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं होटल, रेस्तरां और स्थानीय हस्तशिल्प व्यवसायों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।

सुरक्षा व्यवस्‍था कड़क, मॉक ड्रिल के निर्देश

इस बीच, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने श्रीनगर की डल झील में मॉक ड्रिल का आयोजन किया, ताकि आपातकालीन तैयारियों को परखा जा सके।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का निर्देश दिया है।

दूसरी ओर, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा 12 दिनों तक संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद, पुंछ जिले में सुरक्षा बलों ने सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस, सीआरपीएफ और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने नाकेबंदी, वाहन जांच और गश्त तेज कर दी है, ताकि सीमा पार से संभावित आतंकी घुसपैठ को रोका जा सके।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और… More »

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