RBI ने रेपो रेट घटाकर 5.50% किया, रियल एस्टेट सेक्टर को मिल सकता है बड़ा फायदा
RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे यह दर 6.00% से घटकर 5.50% हो गई। यह लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

RBI: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे यह दर 6.00% से घटकर 5.50% हो गई। यह लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। खासतौर पर Q1 2025 में बिक्री में आई मामूली गिरावट के बाद यह कटौती समय पर की गई पहल के रूप में देखी जा रही है।
होम लोन होंगे सस्ते, खरीदारों को मिलेगा फायदा
RBI का रेपो रेट में कटौती करने से होम लोन की ब्याज दरें कम होने की संभावना है, जिससे ईएमआई कम होगी और मकान खरीदना पहले से आसान हो जाएगा। इसका विशेष लाभ पहली बार घर खरीदने वालों और किफायती आवास की तलाश कर रहे खरीदारों को मिलेगा। हालांकि, यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि बैंक इस कटौती का लाभ ग्राहकों को कितनी जल्दी और कितनी मात्रा में देते हैं।
RBI: डेवलपर्स को मिलेगा सस्ते क्रेडिट का लाभ
रेपो रेट में कटौती (RBI) से डेवलपर्स की कर्ज लेने की लागत घटेगी। इससे न केवल उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही, अनसोल्ड इन्वेंट्री को बाजार में लाना और समय पर प्रोजेक्ट डिलीवरी संभव हो सकेगी।
अफोर्डेबल हाउसिंग में दिख रही सुधार की उम्मीद
ANAROCK के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में जहां अफोर्डेबल हाउसिंग की बिक्री हिस्सेदारी 38% थी, वह 2024 में गिरकर 18% रह गई। वहीं, इस सेगमेंट की आपूर्ति भी 40% से घटकर 16% हो गई। हालांकि, अनबिके स्टॉक में 19% की गिरावट इस बात का संकेत है कि एंड-यूज़र डिमांड बनी हुई है। RBI की नई रेपो रेट कटौती से अफोर्डेबल और मिड-इनकम सेगमेंट में नए सिरे से मांग बढ़ सकती है।
RBI: नकदी में सुधार से तेजी आएगी प्रोजेक्ट्स में
RBI द्वारा कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में की गई कटौती से बैंकों की लिक्विडिटी सुधरेगी। इससे बैंक ज्यादा ऋण देने की स्थिति में होंगे, जिससे डेवलपर्स को पूंजी आसानी से मिलेगी और प्रोजेक्ट्स की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित की जा सकेगी।
बाजार में बढ़ सकती है बिक्री, निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी (RBI) की पूछताछ और बिक्री में तेजी आ सकती है, खासतौर पर महानगरों में। साथ ही, कम पूंजी लागत से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, जिससे आवासीय और वाणिज्यिक दोनों ही सेगमेंट में निवेश गतिविधियाँ तेज हो सकती हैं।
RBI: वैश्विक तनाव से असर संभव, घरेलू निर्माण को मिलेगा बढ़ावा
हालांकि, ANAROCK के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि वैश्विक व्यापार तनाव और निर्माण सामग्री की बढ़ती लागत इस पॉजिटिव असर को आंशिक रूप से प्रभावित कर सकती है। डेवलपर्स के लिए मुनाफा कम हो सकता है, विशेषकर लग्जरी और वाणिज्यिक परियोजनाओं में। ऐसे में सरकार (RBI) द्वारा निरंतर नीति समर्थन और घरेलू स्रोतों से सामग्री प्राप्त करने की दिशा में उठाए गए कदमों से ही स्थायी विकास संभव हो सकेगा।