बिना पार्किंग सबूत अब नहीं खरीद पाएंगे नई कार या बाइक, कार खरीदने से पहले बताना होगा Parking Certificate, जानिए नई शर्त
Parking Certificate: महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्तावित नीति में कहा है कि अब नई कार या बाइक खरीदने के लिए पार्किंग स्पेस का प्रमाण देना जरूरी होगा। पहले यह नियम शहरी इलाकों में लागू किया जाएगा। इसके बिना वाहन का रजिस्ट्रेशन संभव नहीं होगा, जिससे गाड़ियों की बिक्री प्रभावित हो सकती है।

Parking Certificate: उज्जवल प्रदेश डेस्क. अब गाड़ी खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि आपके पास उसके लिए पार्किंग की व्यवस्था है या नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में नई बाइक और कार खरीद पर “पार्किंग सर्टिफिकेट” अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे ट्रैफिक और अव्यवस्थित पार्किंग की समस्याएं कम की जा सकें।
नई गाड़ी खरीदने के लिए जरूरी होगी पार्किंग व्यवस्था
महाराष्ट्र सरकार ने एक नई नीति का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत अब राज्य के शहरी इलाकों में किसी भी नई कार या बाइक की खरीद से पहले यह प्रमाणित करना अनिवार्य होगा कि खरीदार के पास वैध पार्किंग स्पेस मौजूद है। यह नीति विशेष रूप से मुंबई, पुणे, ठाणे और नागपुर जैसे बड़े शहरों में लागू की जाएगी।
नियम का उद्देश्य क्या है?
इस नियम के पीछे सरकार का मकसद है भीड़भाड़ वाले शहरों में ट्रैफिक की समस्या को नियंत्रित करना और अव्यवस्थित पार्किंग से होने वाली असुविधाओं को खत्म करना। मुंबई जैसे शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर अवैध पार्किंग, ट्रैफिक जाम और एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवाओं में बाधा एक आम समस्या बन चुकी है।
कौन लाएगा यह नीति?
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बताया कि जल्द ही इस नीति को लागू किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को नगर निकाय से प्रमाणित पार्किंग सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा। बिना इस प्रमाण के वाहन का रजिस्ट्रेशन संभव नहीं होगा।
किन क्षेत्रों में होगा नियम लागू?
- प्रथम चरण: मुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर
- ग्रामीण क्षेत्र: अभी नहीं लागू
- कमर्शियल वाहन: अभी छूट संभावित है
इससे स्पष्ट है कि पहले यह नियम केवल शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में लागू होगा। बाद में, आवश्यकता अनुसार इसे अन्य क्षेत्रों तक विस्तारित किया जा सकता है।
क्या है पार्किंग सर्टिफिकेट?
यह एक दस्तावेज होगा जो यह साबित करेगा कि वाहन खरीदार के पास अपनी गाड़ी खड़ी करने के लिए पर्याप्त और अधिकृत जगह उपलब्ध है।
- यह प्रमाण पत्र नगर निगम या अन्य मान्यता प्राप्त स्थानीय निकाय द्वारा जारी किया जाएगा।
- इस सर्टिफिकेट में स्थान, पार्किंग की वैधता और खरीदार का विवरण दर्ज होगा।
गाड़ी खरीद प्रक्रिया में क्या होगा बदलाव?
- शोरूम में गाड़ी पसंद करने के बाद ग्राहक को पहले पार्किंग सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
- उसके बाद ही वाहन की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- बिना पार्किंग सर्टिफिकेट के वाहन की बिक्री और रजिस्ट्रेशन पर रोक होगी।
इस नीति से ये होंगे संभावित प्रभाव…
पॉजिटिव इफेक्ट
- सड़कों पर अवैध पार्किंग में कमी
- ट्रैफिक जाम में राहत
- शहरों की बेहतर योजना और वाहनों का नियमन
नेगेटिव इफेक्ट
- वाहन बिक्री में संभावित गिरावट
- खरीदारों के लिए अतिरिक्त प्रक्रिया और दस्तावेजों का झंझट
- कम जगह वाले घरों वालों के लिए समस्या
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर असर
मुंबई और पुणे जैसे शहरों में पहले से ही गाड़ियों की डिलीवरी के लिए लंबा इंतजार रहता है। अब पार्किंग प्रमाणपत्र की शर्त जुड़ने से वाहन डीलरशिप को भी नए नियमों का पालन करना होगा। इससे सेल्स में कुछ समय के लिए गिरावट संभव है।
सरकार की मंशा: लंबी अवधि की सोच
हालांकि यह नीति वाहन खरीदारों के लिए तत्काल असुविधाजनक हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में यह कदम पर्यावरण, ट्रैफिक और शहरी जीवन की गुणवत्ता के लिहाज से बेहतर साबित हो सकता है। इससे नागरिकों को भी वाहन खरीदने से पहले जिम्मेदारी का एहसास होगा।
क्या है विकल्प?
सरकार चाहे तो यह विकल्प भी रख सकती है कि जिन लोगों के पास निजी पार्किंग नहीं है, वे नजदीकी अधिकृत पेड पार्किंग से करारनामा दिखाकर भी वाहन खरीद सकें। इससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।