Chhattisgarh Liquor Scam: विजय भाटिया की रिट याचिका खारिज, गिरफ्तारी पर लगी मुहर
Chhattisgarh Liquor Scam: हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शराब घोटाले में कारोबारी विजय भाटिया को बचाया नहीं। उनकी गिरफ्तारी को कोर्ट ने वैध ठहराया। भाटिया पर 2100 करोड़ रुपये के घोटाले में विदेशी शराब की सप्लाई, कमीशन और नेताओं के साथ संबंधों का आरोप लगाया गया है।

Chhattisgarh Liquor Scam: उज्जवल प्रदेश डेस्क. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित और बहुकरोड़ रुपये के शराब घोटाले में आरोपी कारोबारी विजय भाटिया को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। भाटिया ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने 26 जून को सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने गिरफ्तारी को वैध ठहराया है, जिससे जांच एजेंसियों ACB और EOW को बड़ी कानूनी जीत मिली है।
बिना समन गिरफ्तारी का आरोप, कोर्ट से नहीं मिली मान्यता
विजय भाटिया (Chhattisgarh Liquor Scam) की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें बिना समन जारी किए गिरफ्तार किया गया, जो कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एफआईआर के एक साल बाद कार्रवाई की गई, जिससे गिरफ्तारी की वैधता संदेहास्पद हो जाती है। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि गिरफ्तारी पूरी प्रक्रिया के अनुसार और उचित समय में की गई है।
Chhattisgarh Liquor Scam: जटिल जांच, 300 से अधिक गवाहों से पूछताछ
ACB की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडे ने कोर्ट को बताया कि यह मामला बेहद जटिल है और इसमें 300 से अधिक गवाहों से पूछताछ की गई है। साथ ही, बैंकिंग लेन-देन और दस्तावेजों की गहन जांच की गई, जिसमें समय लगा। उन्होंने बताया कि विजय भाटिया को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के बाद 31 मई को एसीबी को सौंपा था, जिसके बाद 1 जून को उन्हें रायपुर में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया को वैध और संवैधानिक बताया।
देश छोड़ने की थी योजना, दिल्ली से हुई गिरफ्तारी
EOW की जांच में पता चला कि Vijay Bhatia, जिसका नाम Chhattisgarh Liquor Scam था, अपने परिवार के साथ देश छोड़ने की योजना बना रहा था। उसे 31 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया और रायपुर लाकर कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायालय में पेश किया गया। इससे एजेंसियों को यह पुष्टि मिली कि गिरफ्तारी समय रहते की गई थी।
कांग्रेस नेताओं से वित्तीय लेन-देन की जांच
परीक्षण ने पाया कि Chhattisgarh Liquor Scam में शामिल भाटिया और उनके सहयोगी अनवर बंसल के खातों से बड़ी रकम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और उनके रिश्तेदारों के खातों में भेजी गई है। अब ACB और EOW इस बात की जांच कर रहे हैं कि शराब घोटाले की राशि किन-किन राजनीतिक और प्रभावशाली चेहरों तक पहुंची।
15 करोड़ की अवैध कमाई और प्रॉपर्टी निवेश
शुरुआती जांच से यह भी सामने आया है कि विजय भाटिया (Chhattisgarh Liquor Scam) ने विदेशी कंपनियों की शराब सप्लाई कर करीब 15 करोड़ रुपये का कमीशन कमाया था, जिसे उसने अचल संपत्तियों में निवेश किया। जांच एजेंसियां अब इस आर्थिक लेन-देन की गहराई से जांच कर रही हैं, जिससे घोटाले का दायरा और भी बड़ा हो सकता है।