बैकफुट पर आई महाराष्ट्र सरकार की Trilingual Policy, रद्द कर दिए दोनों फैसले
Trilingual Policy: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने तीन भाषा नीति को लेकर बैकफुट पर आ गई है। वहीं सरकार पर लगातार आरोप लग रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार हिंदी को थोपना चाहती है।

Trilingual Policy: उज्जवल प्रदेश, मुंबई. महाराष्ट्र में त्रिभाषा नीति को लागू करने को लेकर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बैकफुट पर आ गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 16 अप्रैल और 17 जन को जारी किए गए दोनों आदेशों को रद्द कर दिया है। सरकार ने कहा है कि इस मुद्दे पर पुनर्विचार के लिए समिति बनाई जाएगी। ये दोनों ही आदेश स्कूल में हिंदी को अनिवार्य करने से जुड़े थे। वहीं सरकार के इस फैसले का विरोध हो रहा था। उद्धव ठाकरे के साथ राज ठाकरे और शरद पवार ने भी इस नीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
महाराष्ट्र की सरकार ने समिति का अध्यक्ष शिक्षाविद् और राज्यसभा के पूर्व सांसद डॉ. नरेंद्र जाधव को बनाया है। बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 5 जुलाई को बडे़ आंदोलन का ऐलान किया था। इस आंदोलन में शरद पवार और राज ठाकरे भी शामिल हो सकते थे। ठाकरे ने कहा था, हम हिंदी के खिलाफ नहीं लेकिन इसे थोपने वाली शक्ति के खिलाफ हैं।
क्या थे सरकार के दोनों आदेश
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे ने भी डॉ. रघुनाथ माशेलकर कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार किया था। इस कमेटी की सिफारिश में कक्षा 1 से 12वीं तक तीन भाषा नीति लागू करने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अप्रैल और जून में जारी किए गए आदेशों को वापस लेने का फैसला किया है। 16 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया था कि इंग्लिश और मराठी मीडियम स्कूलों में भी कक्षा 5 तक तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी को अनिवार्य किया जाएगा। विरोध के बाद सरकार ने 17 जून को दूसरा आदेश जारी किया जिसमें हिंदी को एक वैकल्पिक विषय बनाने की बात कही गई थी।
शिवसेना (यूबीटी)-एमएनएस का प्रदर्शन रद्द
देवेंद्र फडणवीस सरकार के अपने दोनों आदेशों को वापस लेते ही शिवसेना यूबीटी ने 5 जुलाई के प्रदर्शन को भी रद्द करने का फैसला कर दिया है। संजय राउत ने कहा,ल महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी ‘लागू करने’ संबंधी सरकारी आदेश वापस लेने के बाद पांच जुलाई को प्रस्तावित शिवसेना (उबाठा)-मनसे का संयुक्त विरोध प्रदर्शन रद्द कर दिया गया है।