Gokarna Cave : मेडिटेशन में लीन थी रूसी महिला, गोकर्ण की गुफा से दो बेटियों संग बरामद
Gokarna Cave : कर्नाटक के गोकर्ण में एक गुफा से रूसी महिला और उसकी दो बेटियां रेस्क्यू की गईं। महिला 2017 में समाप्त हुए वीजा के बावजूद 8 साल से भारत में रह रही थी। वह जंगल में ध्यान करने के उद्देश्य से रह रही थी।

Gokarna Cave : उज्जवल प्रदेश, गोकर्ण. भारत में कर्नाटक के गोकर्ण स्थित रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र की घनी वनभूमि में छिपी एक खतरनाक गुफा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने 9 जुलाई को यहां एक रूसी महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को कठिन परिस्थितियों में रेस्क्यू किया। महिला की पहचान 40 वर्षीय मोही के रूप में हुई है, जो वर्षों पहले बिजनेस वीजा पर भारत आई थी, लेकिन उसका वीजा करीब 8 साल पहले ही समाप्त हो चुका था।
गोकर्ण पुलिस के मुताबिक, 9 जुलाई की शाम लगभग 5 बजे जब पुलिस टीम रामतीर्थ पहाड़ी पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर नियमित गश्त कर रही थी, तभी उन्हें वन क्षेत्र में स्थित एक गुफा में कुछ असामान्य हलचल नजर आई। जब पुलिस ने मौके की जांच की, तो गुफा के भीतर उन्हें मोही अपनी दो बेटियों—प्रेया (6 वर्ष 7 माह) और अमा (4 वर्ष)—के साथ निवास करती मिली।
पुलिस के अनुसार, गुफा में जीवन यापन के हालात बेहद दयनीय और खतरनाक थे। पूछताछ में महिला ने बताया कि वह पिछले वर्षों से “मेडिटेशन” कर रही थी और समाज से दूर एकांत जीवन को चुन चुकी थी। यह मामला न सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर है, बल्कि विदेशी नागरिकों की निगरानी, वीजा उल्लंघन और बच्चों की सुरक्षा जैसे कई सवाल भी खड़े करता है। स्थानीय प्रशासन और विदेशी नागरिकता प्राधिकरण (FRRO) अब इस मामले की गहन जांच में जुट गए हैं।
ध्यान की तलाश में गोकर्ण पहुंची विदेशी महिला, गुफा को बना लिया था घर
पूछताछ करने पर विदेशी महिला ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ गोवा से आई है, क्योंकि वह जंगल में रहकर भगवान की पूजा और ध्यान करना चाहती है। पुलिस ने पाया कि गुफा ऐसे क्षेत्र में स्थित थी, जहां भूस्खलन हो सकता था और विषैले वन्यजीवों से घिरी हुई थी, जिससे परिवार के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा था। खतरों के बारे में बताने के बाद, महिला वहां से जाने के लिए तैयार हो गई।
रूसी महिला और उसके दो छोटे बच्चों को पहाड़ी पर स्थित गुफा से सुरक्षित नीचे उतारा गया। फिर, उनकी इच्छा के अनुसार, उन्हें महिला पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में कुमटा तालुका के बंकिकोड्लू गांव में शंकर प्रसाद फाउंडेशन नामक स्वयंसेवी संस्था से जुड़ी योग रत्न सरस्वती स्वामीजी (80 वर्षीय महिला स्वामीजी) के आश्रम में पहुंचाया गया।
शुरू में अपनी पहचान बताने में अनिच्छुक मोही ने बाद में पुलिस, महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वामीजी को जानकारी देते हुए बताया कि उसका और उसकी बेटियों के पासपोर्ट और वीजा गुम हो गए हैं।
2017 में खत्म हुआ वीजा, 2025 में गुफा से मिली रूसी महिला बेटियों संग
हालांकि, गुफा और आसपास के जंगल की बाद में की गई तलाशी के दौरान पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज बरामद किए, जिनसे पता चला कि उनका वीजा 17 अप्रैल, 2017 को समाप्त हो चुका था। कारवार (उत्तर कन्नड़) के पुलिस अधीक्षक ने बेंगलुरु में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) से संपर्क किया।
महिला और उसके बच्चों को रूस वापस भेजने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा के लिए वे फिलहाल महिला स्वागत केंद्र की देखरेख में हैं। अधिकारियों ने बताया कि महिला और उसकी बेटियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एक महिला पुलिस अधिकारी की निगरानी में 14 जुलाई को बेंगलुरु के शांतिनगर में एफआरआरओ के समक्ष पेश किया जाएगा।