योगीराज में पहली बार Digital Arrest पर एक्शन, 7 साल की सुनाई गई सजा
उत्तर प्रदेश में Digital Arrest मामले में पहली बार सजा सुनाई गई। राजधानी लखनऊ में महिला डॉक्टर से 85 लाख ठगने वाले एक ठग को कोर्ट द्वारा 7 साल की सजा दी गई।

Digital Arrest: उज्जवल प्रदेश, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट मामले में पहली बार सजा सुनाई गई। राजधानी लखनऊ में महिला डॉक्टर से 85 लाख ठगने वाले एक ठग को कोर्ट द्वारा 7 साल की सजा दी गई। आपको बता दें कि खुद को CBI अधिकारी बताकर केजीएमयू की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सौम्या गुप्ता से 85 लाख रुपये ठगने वाले साइबर अपराधी देवाशीष को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। यह ऐतिहासिक फैसला स्पेशल सीजेएम कस्टम अमित कुमार ने सुनाया।
मामले की विवेचना साइबर थाना लखनऊ ने की थी और इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव द्वारा कोर्ट में ठोस साक्ष्य पेश किए गए। साइबर क्राइम के इतिहास में यह देश का पहला मामला है जिसमें डिजिटल अरेस्ट के आरोप में 14 महीने के भीतर कोर्ट से सजा सुनाई गई है।
जानिए पूरा मामला
अभियोजन अधिकारी मषिन्द्र ने बताया कि 15 अप्रैल 2024 को डॉ। सौम्या गुप्ता केजीएमयू में अपनी ड्यूटी कर रही थीं। तभी आरोपी देवाशीष ने उन्हें कॉल कर खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि वह दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से बोल रहा है।
डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के मामले में UP में पहली सजा,डॉक्टर से ठगी करने वाले देवाशीष राय को 7 साल की जेल,लखनऊ स्पेशल कस्टम कोर्ट ने 68 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया।#uttarpradesh pic.twitter.com/7l0T5byW5H
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) July 18, 2025
उसने दावा किया कि डॉ. गुप्ता के नाम से एक कार्गो बुक है जिसमें जाली पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और 140 ग्राम एमडीएम मिला है। इसके बाद देवाशीष ने कॉल को ट्रांसफर कर खुद को फर्जी CBI अधिकारी बताने वाले व्यक्ति से बात करवाई, जिसने डॉ। गुप्ता को धमकाया कि उन्हें सात साल की जेल हो सकती है। डर के चलते डॉक्टर ने अपनी पर्सनल जानकारी जैसे- बैंक खाता, पैन नंबर और संपत्ति विवरण साझा कर दिया।
आरोपियों ने डर और धमकी के माध्यम से डॉक्टर को 10 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और अलग-अलग चार बैंक खातों में कुल 85 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। जांच-पड़ताल के क्रम में आरोपी की पहचान देवाशीष के रूप में हुई जिसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। मजबूत साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उसे सात साल की सजा और जुर्माना भी लगाया। देवाशीष आजमगढ़ के अजमतगढ़ क्षेत्र के मसौना गांव का रहने वाला है।