Jabalpur News: हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद एससी-एसटी वर्ग के गेस्ट फैकल्टी को आयु सीमा में अतिरिक्त छूट प्रदान करने के आदेश जारी किए

Jabalpur News: असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में गेस्ट फैकल्टी को एससी-एसटी वर्ग के तहत मिलने वाली आयु सीमा छूट का लाभ नहीं दिए जाने के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

Jabalpur News: उज्जवल प्रदेश,जबलपुर. असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में गेस्ट फैकल्टी को एससी-एसटी वर्ग के तहत मिलने वाली आयु सीमा छूट का लाभ नहीं दिए जाने के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने एससी-एसटी वर्ग को 5 साल की अतिरिक्त आयु सीमा छूट का लाभ प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। युगलपीठ ने यह भी निर्देश दिया है कि चयन सूची और परीक्षा परिणाम न्यायालय की अनुमति के बिना घोषित नहीं किए जाएं।

अतिथि शिक्षकों को मिलेगा नौकरी में 25% रिजर्वेशन, जबलपुर हाईकोर्ट का फैसला

अतिथि शिक्षकों के लिए जबलपुर हाईकोर्ट ने राहत देने वाला आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने स्वाशासकीय व जनभागीदारी कॉलेज में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को आरक्षण का लाभ देने का अंतरिम आदेश जारी किया है. युगलपीठ ने एमपीपीएससी के माध्यम से निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में इन कॉलेज में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी को भी 25 प्रतिशत आरक्षण की श्रेणी में रखने के अंतरिम आदेश जारी किए हैं.

क्या है गेस्ट फैकल्टी और आरक्षण का मामला?

दरअसल, स्वाशासकीय यानी ऑटोनॉमस व जनभागीदारी कॉलेज में कार्यरत 33 गेस्ट फैकल्टी की ओर से ये याचिका दायर की गई थी. तीन याचिका में कहा गया था कि उच्च शिक्षा विभाग ने MPPSC के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर और खेल अधिकारियों के लिए 2 हजार 117 पदों पर भर्ती निकाली है. वहीं सभी याचिकाकर्ता स्वाशासकीय व जनभागीदारी कॉलेज में रिक्त पदों पर वर्षों से कार्यरत हैं. याचिका में इसके साथ मांग की गई कि इस भर्ती में गेस्ट फैकल्टी होने के नाते उन्हें भी 25 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाए, जो उन्हें नहीं दिया जा रहा है.

अब मिलेगा आरक्षण का लाभ

अतिथि शिक्षकों की याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने स्वाशासकीय व जनभागीदारी कॉलेज में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी को भी आरक्षण का लाभ देने के अंतरिम आदेश जारी किए हैं. युगलपीठ ने नियुक्ति याचिका के अंतिम आदेश के अधीन रहते हुए एमपीपीएससी को रिजल्ट फिलहाल जारी नहीं करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एस डी मिश्रा ने पैरवी की.

 

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