सड़क सुरक्षा के लिए सरकार का बड़ा नियम, टू-व्हीलर में अनिवार्य होगा ABS, जानें क्या है ये Anti-Lock Braking System
Anti-Lock Braking System: जनवरी 2026 से सभी नए टू-व्हीलर में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा। सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा सुधारने और दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। साथ ही, हर नए टू-व्हीलर के साथ BIS प्रमाणित दो हेलमेट देना भी जरूरी होगा।

Anti-Lock Braking System: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत में टू-व्हीलर चालकों की सड़क दुर्घटनाओं में उच्च मृत्यु दर को देखते हुए सरकार अब जनवरी 2026 से सभी नए टू-व्हीलर में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य करने जा रही है। इसके साथ ही BIS प्रमाणित दो हेलमेट देना भी कंपनियों के लिए जरूरी होगा।
जानिए कब से लागू होगा नया नियम
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की है कि जनवरी 2026 से सभी नए निर्मित टू-व्हीलर में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसके तहत स्कूटर, मोटरसाइकिल और सभी तरह की बाइक शामिल होंगी। इसके अलावा, सभी निर्माताओं और डीलरशिप को प्रत्येक नए वाहन के साथ BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणित दो हेलमेट उपलब्ध कराना भी अनिवार्य होगा।
सरकार क्यों कर रही है यह बदलाव
सरकार का उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार लाना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। टू-व्हीलर से जुड़ी दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें होती हैं। एक जानकारी के अनुसार टू-व्हीलर चालकों की मौतों में कुल सड़क दुर्घटनाओं का 44 प्रतिशत हिस्सा होता है। इनमें से अधिकतर मौतें सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण होती हैं।
ऐसे में सरकार चाहती है कि ABS और गुणवत्ता वाले हेलमेट के जरिए इन मौतों को रोका जा सके। ABS की मदद से अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी फिसलने (स्किडिंग) की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं BIS प्रमाणित हेलमेट सिर की सुरक्षा को और बेहतर बनाएंगे।
अभी क्या है स्थिति
वर्तमान नियमों के तहत ABS केवल 125cc से ऊपर की मोटरसाइकिलों में ही अनिवार्य है। यानी कम क्षमता वाले स्कूटर और बाइकों में यह फीचर जरूरी नहीं है। लेकिन अब मंत्रालय इसे सभी नए टू-व्हीलर पर लागू करने की योजना बना रहा है। इसका मतलब यह है कि आने वाले समय में 125cc से कम की गाड़ियां भी ABS से लैस होंगी।
सरकारी अधिकारी का बयान
परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अभी ABS केवल 125cc से ऊपर के टू-व्हीलर के लिए जरूरी है। लेकिन देखा गया है कि इन वाहनों की रफ्तार 70 किमी/घंटा से ज्यादा होती है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए स्किडिंग रोकने और ब्रेकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए ABS सभी गाड़ियों में जरूरी होगा।
ABS क्यों है जरूरी
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक ऐसी तकनीक है जो आपातकालीन ब्रेक लगाने पर व्हील्स को लॉक नहीं होने देती। इससे गाड़ी संतुलन में बनी रहती है और दुर्घटना की संभावना घट जाती है। गीली या फिसलन वाली सड़कों पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
अध्ययन बताते हैं कि ABS से लैस गाड़ियों में दुर्घटना का खतरा 35 से 45 प्रतिशत तक कम हो जाता है। यही वजह है कि कई विकसित देशों में यह फीचर पहले से ही सभी टू-व्हीलर में स्टैंडर्ड के तौर पर शामिल है।
हेलमेट को भी बनाया जाएगा अनिवार्य
नए नियम के तहत अब टू-व्हीलर कंपनियों और डीलरों को हर नए वाहन के साथ BIS प्रमाणित दो हेलमेट देना जरूरी होगा। इससे उन ग्राहकों को फायदा होगा जो आमतौर पर सस्ते या घटिया गुणवत्ता के हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। गुणवत्ता वाले हेलमेट सिर को गंभीर चोटों से बचा सकते हैं।
सड़क सुरक्षा में क्या होगा असर
सरकार को उम्मीद है कि नए नियम लागू होने के बाद सड़क हादसों में कमी आएगी। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां कम क्षमता वाली बाइक का ज्यादा इस्तेमाल होता है और हेलमेट के प्रति जागरूकता भी कम रहती है, वहां इन नए नियमों से बड़ा फर्क पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टू-व्हीलर निर्माता कंपनियां समय पर इस नियम को अपनाती हैं और ग्राहकों को अच्छे हेलमेट उपलब्ध कराती हैं तो सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
नए नियम कब से लागू होंगे
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जनवरी 2026 से इन नियमों को लागू करने की तैयारी में है। मंत्रालय द्वारा जल्द ही इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी किए जाने की उम्मीद है। इससे पहले कंपनियों को बदलाव के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा ताकि वे अपनी गाड़ियों में जरूरी तकनीकी सुधार कर सकें।
ग्राहकों को क्या होगा फायदा
ग्राहकों के लिए यह बदलाव कई मायनों में फायदेमंद होगा। एक तो ABS की मदद से गाड़ी चलाना पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा। दूसरा, उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले हेलमेट मुफ्त में मिलेंगे, जिससे अतिरिक्त खर्च से भी बचाव होगा। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में जान का जोखिम भी घटेगा।