Astrology Tips: धतूरा का फल और फूल करता है आर्थिक समस्या को दूर
Astrology Tips: धतूरे के फल और फूल को अगर भगवान शंकर को अर्पित किया जाए तो धन से संबंधित समस्या धीरे धीरे खत्म होने लगती है।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. धतूरे के फल को अगर भगवान शंकर को अर्पित किया जाए तो धन से संबंधित समस्या धीरे धीरे खत्म होने लगती है । बता दें कि धतूरा का फूल भगवान शिव को चढ़ाने से शिवजी के कंठ में एकत्रित विष के प्रभाव को शांत करने में उनकी मदद करता है। यदि आप शिव जी को धतूरा का फूल अर्पित करते हैं तो जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और दुश्मनों से विजय प्राप्त करने में सहायता मिलती है। धतूरा के फूल के प्रभाव से भक्तों की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
महादेव ने विष को अपने कंठ में धारण किया था
शिवजी की प्रिय चीजों में से एक है धतूरा। भगवान शिव की पूजा में इसका प्रयोग सदैव किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को अपने कंठ में धारण किया था तो उनका कंठ नीला होने लगा और वे बेहोश हो गए थे।
तब उनके उपचार के लिए आदिशक्ति मां जगदंबा ने देवताओं को धतूरे और भांग से उनका उपचार करने को कहा। देवताओं ने जब शिवजी के मस्तक पर भांग और धतूरा चढ़ाकर उनका जलाभिषेक किया तो उन्हें होश। यही वजह है कि भगवान शिव को धतूरा सबसे प्रिय है और उनकी पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं धतूरे के खास उपाय।
सावन के सोमवार को धन लाभ के लिए धतूरे का यह उपाय करना चाहिए। सोमवार के दिन धतूरे की जड़ को घर में लाकर उसे ऐसे स्थान पर रख दें जहां पर रखने से आपको हर वक्त उसके दर्शन होते रहें। ध्यान रखें इसे पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। उसके बाद मां काली के बीज मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से आपके घर से रुपये-पैसों की समस्या दूर हो जाएगी।
हम शिवजी से लें शिक्षा
भगवान शंकर को श्रंगार के रूप में धतूरा और बेल पत्र स्वीकारते हैं। शिवजी का यह उदार रूप इस बात की तरफ इशारा करता है कि समाज जिसे तिरस्कृत कर देता है, भगवान शिव उसे स्वीकार लेते हैं स्वार्थ की भावना न रखकर दूसरों के हित का भाव रखें। तभी अपने साथ दूसरों का जीवन सुखी हो सकता है।
शिवलिंग पर धतूरा चढ़ायें
पुराणों के अनुसार भगवान शिव को धतूरा प्यारा होने की बात में भी संदेश यही है कि शिवालय में जाकर शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाकर मन और विचारों की कड़वाहट निकालने और मिठास को अपनाने का संकल्प पूरा करें। इस तरह करना ही भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए सच्ची पूजा होगी।
शिव जी उस पर प्रसन्न होते हैं
ग्रंथ के अनुसार शिवजी ने जब समुद्र मंथन से निकले हालाहल विष को पी लिया था तो वह व्याकुल होने लगे। तब अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल जैसी औषधियों से शिव जी की व्याकुलता दूर की। उस समय से ही शिव जी को भांग धतूरा प्रिय है। जो भी भक्त शिव जी को भांग धतूरा अर्पित करता है, शिव जी उस पर प्रसन्न होते हैं।
नोट: हम इन सभी बातों की पुष्टि नहीं करते। अमल करने से पहले संबंधित विषय विशेषज्ञ से संपर्क करें।