Astrology Tips: शिव प्रतिमा पर नहीं, शिवलिंग पर चढ़ायें लाल गुलाब

Astrology Tips: वैसे तो भगवान शिव को कई प्रकार के पुष्प चढ़ायें जाते हैं। खासकर कनेर, मदार और पारिजात के फूल भगवान को बहुत पसंद है। वहीं एक पुष्प ऐसा भी है जो शिव प्रतिमा पर नहीं वह सिर्फ शिवलिंग पर ही चढ़ता है। वह फूल है गुलाब का ।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. वैसे तो भगवान शिव को कई प्रकार के पुष्प चढ़ायें जाते हैं। खासकर कनेर, मदार और पारिजात के फूल भगवान को बहुत पसंद है। वहीं एक पुष्प ऐसा भी है जो शिव प्रतिमा पर नहीं वह सिर्फ शिवलिंग पर ही चढ़ता है। वह फूल है गुलाब का । भगवान शिव की प्रतिमा पर गुलाब का फूल चढ़ाने की मनाही है लेकिन शिवलिंग पर गुलाब चढ़ाया जा सकता है। शिवलिंग पर गुलाब चढ़ाने से मनवांछित इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही, भगवान शिव की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती ।

महादेव को ये फूल हैं पसंद

कनेर का फूल

ज्योतिष के अनुसार सभी देवी देवताओं की पूजा में फूल चढ़ायें जाते हैं। धरती में तरह तरह के सुंगध और आकार के फूल विद्यमान हैं। जिनको हम भगवान पर चढ़ाते हैं। इसमें एक फूल है कनेर का जो भगवान शिव के अलावा कनेर का फूल और भी देवी देवताओं को अर्पित किया जाता है। ये तीन प्रकार के होते है जिनका रंग पीला, सफेद और लाल होता है। इन पुष्पों को चढ़ाने के लिए प्रदोष और सोमवार को छोड़कर कभी भी चढ़ा सकते हैं। वहीं बाकी दिनों में फूल चढ़ाने से भगवान महादेव बहुत प्रसन्न होते हैं।

मदार का पुष्प

भगवान भोलेनाथ को भांग-धतूरा बहुत प्रिय है। शिव की विशेष पूजा के समय मदार का पुष्प जरूर चढ़ाया जाता है। वैसे तो मदार दो रंगों खिलता है जिसमें एक नीला और दूसरा सफेद होता है। सबसे ज्यादा ध्यान रखने की बात यह ै कि भगवान शिव को हमेशा सफेद मदार या आक का फूल चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव को मदार या आक का फूल चढ़ाने से धरती लोक से मोक्ष की प्राप्ति होती है इसके साथ ही भगवान शिव जीवन के सभी कष्ट हर लेते है।

पारिजात का पुष्प

एक पुष्प है पारिजात का जो भगवान शिव को बहुत प्रिय है। कहते हैं कि यह फूल उनके आराध्य देव श्री विष्णु के कृष्ण अवतार खुद स्वर्ग से लेकर आए थे। यह पुष्प पूरे साल में केवल सर्दी के दिनों में ही खिलता है। इसको भगवान शिव को अर्पण करने से वह बहुत खुश होते है।

शमी का फूल

शमी का फूल चढ़ाने से भगवान महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि शमी का एक पत्ता हजार बेलपत्रों से ज्यादा बड़ा होता है। इसलिए शमी का एक पत्ता चढ़ाने से 1000 बेल पत्रों के चढ़ाने जितना पुण्य की प्राप्ति होती है।। जिस तरह शमी का पत्ता चढ़ता है उसी तरह शमी का पुष्प भी भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।

Deepak Vishwakarma

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