Bangladesh violence: संयुक्त राष्ट्र ने शेख हसीना को बताया हिंसा का जिम्मेदार
Bangladesh violence: संयुक्त राष्ट्र ने आज बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को कहा कि बांगलादेश की पूर्व सरकार ने सत्ता बनाए रखने के लिए पिछले साल प्रदर्शनकारियों पर सुनियोजित हमले करवा और हत्याएं हुईं।

Bangladesh violence: उज्जवल प्रदेश, ढाका. संयुक्त राष्ट्र ने आज बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को कहा कि बांगलादेश की पूर्व सरकार ने सत्ता बनाए रखने के लिए पिछले साल प्रदर्शनकारियों पर सुनियोजित हमले करवा और हत्याएं हुईं।
यह ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने विरोध प्रदर्शनों का दमन किया। इस दौरान सैकड़ों गैरकानूनी हत्याएं की गईं।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने बांगलादेश में 1 जुलाई से 15 अगस्त 2024 के बीच हुए घटनाओं की जांच की और पाया कि पूर्व सरकार द्वारा हत्या, यातना, कैद और अन्य अमानवीय कृत्य किए गए। इन कृत्यों में शेख हसीना की सरकार, उनके अवामी लीग पार्टी के हिंसक तत्वों और बांगलादेशी सुरक्षा एवं खुफिया सेवाओं के हाथ थे।
इस दौरान बांगलादेश में विरोध प्रदर्शन सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए थे। इसके बाद शेख हसीना से इस्तीफे की मांग शुरू हुई। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि करबी 1400 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए। रिपोर्ट में कहा गया कि मारे गए अधिकांश लोग बांगलादेश के सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए। उनमें बच्चे भी शामिल थे। मृतकों में 12 से 13 प्रतिशत बच्चे शामिल थे।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सुरक्षा बलों ने शेख हसीना की सरकार का समर्थन किया और प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसक उपायों का इस्तेमाल किया। इसमें महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और बच्चों के खिलाफ अत्याचार भी शामिल थे। पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने बच्चों को मारा-पीटा और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में गिरफ्तार किया और यातना दी।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा, “पूर्व सरकार की बर्बर प्रतिक्रिया सत्ता बनाए रखने की एक सुनियोजित और समन्वित रणनीति थी, जो जन विरोध का सामना कर रही थी।” उन्होंने कहा कि इस दौरान हजारों व्यक्तियों की हत्या, गिरफ्तारियां और यातनाएं राजनीतिक नेतृत्व और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों की जानकारी में हुईं।