Bhopal News: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के प्रदर्शन को बढ़ावा देने के कम्पोजिट कम्पेटिटिवनेस अवेयरनेस वर्कशॉप आयोजित

Bhopal News: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (रैम्प) योजना के तहत एक दिवसीय Composite Competitiveness Awareness Workshop का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम के सहयोग से 6 फरवरी 2025 को कोर्टयार्ड बाय मैरियट, भोपाल में संपन्न हुई।
इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय-भारत सरकार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग-मध्य प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग संघों के प्रतिनिधि, वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि और उद्यमी शामिल हुए।
कार्यक्रम के स्वागत सम्बोधन में, श्री अनिल थागले, राज्य नोडल अधिकारी – रैम्प (मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम), ने सभी अतिथिगणों का आभार व्यक्त किया और रैम्प योजना तथा इस योजना के अंतर्गत मंजूर की गई विभिन्न परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। सुश्री प्रियंका दास, सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, मध्य प्रदेश शासन ने भी रैम्प योजना के पृष्ठभूमि और महत्व पर चर्चा की और यह कैसे राज्य के एमएसएमई को मदद करेगी, इस पर विचार व्यक्त किए। इसके पश्चात श्री दिलीप कुमार, उद्योग आयुक्त, मध्य प्रदेश शासन ने विशेष संबोधन दिया। अपने संबोधन में उन्होंने रैम्प योजना के उद्देश्य, मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका और स्थानीय उद्योगों के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर चर्चा की।
सुश्री अंकिता पांडे, निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स, ऑनलाइन डिस्प्यूट रेज़ोल्यूशन एवं भारत में एमएसएमई क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण जैसी महत्वपूर्ण पहलों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, श्री विनम्र मिश्रा, निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, और डिज़ाइन से संबंधित प्रक्रियाओं की जानकारी दी। साथ ही, उद्योगपतियों को बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह उनके उत्पादों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
सुश्री ऋचा शर्मा, RXIL की प्रतिनिधि द्वारा व्यापार प्राप्य इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) पर विस्तृत चर्चा की गई। श्री वेद प्रकाश शर्मा ने ज़ीरो डिफेक्ट ज़ीरो इफेक्ट (जेड) योजना और एमएसएमई प्रतिस्पर्द्धी लीन योजना (एमसीएलएस) के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुए श्री पुष्पेंद्र सूर्यवंशी, एनएसआईसी द्वारा नेशनल एससी एसटी हब योजना पर प्रस्तुति दी गई। डॉ. मिलन शर्मा, राष्ट्रीय पीएमयू प्रमुख द्वारा पर्यावरण सामाजिक और शासन (ईएसजी) फ्रेमवर्क पर प्रस्तुति दी गई। कार्यशाला में रैम्प योजना के अंतर्गत मंजूर की गई विभिन्न परियोजनाओं पर प्रकाश डाला गया, जैसे कि एमएसएमई उद्योगों का क्षमता विकास, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों का सशक्तिकरण, MPLUN की परीक्षण प्रयोगशालाओं का उन्नयन, एमएसएमई संबंधित जानकारियों के लिए समग्र आईटी पोर्टल, विशिष्ट उत्पादों के लिए GI टैगिंग, उद्योगों को आसान वित्तीय पहुंच में सहयोग, उद्योगों में कार्यरत कर्मियों के कौशल विकास इत्यादि। इसके अलावा रैंप योजना के अंतर्गत अन्य योजनाओं – गिफ्ट, स्पाइस, टीम एवं ओडीआर के बारे में भी बताया गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों को नवीनतम योजनाओं और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी प्रदान करना और उन्हें अपने उद्योगों को अधिक सक्षम और हरित बनाने के लिए प्रेरित करना था। आयोजकों का मानना है कि यह कार्यशाला एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। अंत में, एमएसएमई डीएफओ इंदौर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।