UPI Transactions के नियमों में बड़ा बदलाव: 1 फरवरी से लागू, जानें क्या होगा असर
UPI Transactions: यूपीआई के नियमों में यह बदलाव डिजिटल पेमेंट के भविष्य को सुरक्षित और अधिक संगठित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 1 फरवरी, 2025 से लागू होने वाले इस नियम का पालन न करने वाले ऐप्स के माध्यम से किए गए लेनदेन विफल हो सकते हैं। ऐसे में सभी यूपीआई उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने और अपने पेमेंट ऐप्स को समय रहते अपडेट करने की सलाह दी जाती है।

UPI Transactions: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत में डिजिटल पेमेंट को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने UPI ट्रांजैक्शन आईडी में बड़ा बदलाव किया है। NPCI ने 9 जनवरी, 2025 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी को मानकीकृत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
UPI Transactions ID में नहीं होगा स्पेशल कैरेक्टर
भारत में डिजिटल पेमेंट को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने UPI ट्रांजैक्शन आईडी में बड़ा बदलाव किया है। 1 फरवरी, 2025 से कोई भी UPI पेमेंट ऐप ट्रांजैक्शन आईडी बनाने के लिए @, $, &, # जैसे स्पेशल कैरेक्टर का उपयोग नहीं कर सकेगा। इसका सीधा असर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा, क्योंकि ऐसे आईडी को सेंट्रल सिस्टम एक्सेप्ट नहीं करेगा और ट्रांजैक्शन फेल हो जाएंगे।
NCPI ने जारी किया सर्कुलर
NPCI ने 9 जनवरी, 2025 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी को मानकीकृत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। पूरे देश में यूपीआई के माध्यम से हर दिन हजारों करोड़ रुपये का लेनदेन किया जाता है, इसलिए इसे सुरक्षित और अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह नया नियम लागू किया जा रहा है।
कैसे प्रभावित होंगे आम लोग?
अगर आप किसी ऐसे UPI ऐप का उपयोग कर रहे हैं जो ट्रांजैक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर शामिल करता है, तो 1 फरवरी के बाद आपकी पेमेंट फेल हो सकती है। इसलिए, यह जरूरी हो जाता है कि सभी यूपीआई उपयोगकर्ता यह सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ऐप्स नए नियमों के अनुरूप अपडेट हो चुके हैं।
क्यों लाया गया यह बदलाव?
NPCI का उद्देश्य यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी को एक समान और सुरक्षित बनाना है। कुछ ऐप्स विभिन्न प्रकार के ट्रांजैक्शन आईडी जनरेट कर रहे थे, जिनमें स्पेशल कैरेक्टर शामिल होते थे, जिससे तकनीकी दिक्कतें उत्पन्न हो रही थीं। अब, NPCI चाहता है कि सभी पेमेंट ऐप्स केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर (A-Z, 0-9) का ही इस्तेमाल करें।
सभी पेमेंट ऐप्स को दिए गए स्पष्ट निर्देश
NPCI ने सभी यूपीआई ऑपरेटरों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने सिस्टम को नए मानकों के अनुरूप अपडेट करें। अगर कोई पेमेंट ऐप इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उसके माध्यम से किया गया ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है।
35 डिजिट की होगी ट्रांजैक्शन आईडी
NPCI के 28 मार्च, 2024 के सर्कुलर के अनुसार, सभी यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी 35 अंकों की होनी चाहिए। अगर ट्रांजैक्शन आईडी इससे कम या अधिक होगी, तो सेंट्रल सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करेगा और ट्रांजैक्शन फेल हो जाएगा।
क्या करना चाहिए UPI यूजर्स को
- सुनिश्चित करें कि आपका यूपीआई ऐप अपडेटेड है।
- ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में, तुरंत अपने बैंक या यूपीआई सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
- स्पेशल कैरेक्टर का उपयोग न करने वाले यूपीआई ऐप्स का चयन करें।
नए नियमों का उद्देश्य
NPCI का यह कदम यूपीआई ट्रांजैक्शन को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और मानकीकृत बनाने की दिशा में उठाया गया है। यह बदलाव खासकर मर्चेंट अकाउंट होल्डर्स और बड़े वित्तीय लेनदेन करने वालों के लिए महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इसका प्रभाव आम यूपीआई उपयोगकर्ताओं पर भी पड़ेगा।