Chaitra Navratri 2025: तुलसी, शंख और कलश का रहस्य, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Chaitra Navratri 2025 में तुलसी, शंख और कलश का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व विशेष रूप से उल्लेखनीय है। तुलसी को पवित्र माना जाता है, शंखध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और कलश को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि में इनका पूजन करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

Chaitra Navratri 2025: उज्जवल प्रदेश डेस्क. चैत्र नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा की पूजा के दौरान तुलसी, शंख और कलश का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये तीनों वस्तुएं देवी पूजन में अनिवार्य मानी जाती हैं। साथ ही, इनके वैज्ञानिक पहलू भी महत्वपूर्ण हैं, जो वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक होते हैं।

तुलसी, शंख और कलश का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

चैत्र नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। यह समय माता दुर्गा की उपासना, आध्यात्मिक साधना और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का होता है। इस दौरान कई धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, जिनमें तुलसी पूजन, शंख ध्वनि और कलश स्थापना का विशेष महत्व है। ये केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी माने गए हैं।

तुलसी का महत्व: धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विशेष

तुलसी को हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को तुलसी अत्यंत प्रिय हैं। स्कंद पुराण, विष्णु पुराण और देवी भागवत महापुराण में तुलसी की महिमा का विस्तार से वर्णन मिलता है।

धार्मिक दृष्टि से तुलसी का महत्व

तुलसी को नवरात्रि में घर में रखना और उसकी पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। देवी दुर्गा के पूजन में तुलसी के पत्तों का उपयोग करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

वैज्ञानिक दृष्टि से तुलसी के फायदे

तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो वातावरण को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। इसका उपयोग हवन सामग्री में करने से वायु में उपस्थित हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं। तुलसी का सेवन भी औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

शंख का महत्व: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला साधन

शंख को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह भगवान विष्णु के पांच प्रमुख आयुधों में से एक है और इसका प्रयोग देवी-देवताओं के पूजन में अनिवार्य रूप से किया जाता है।

धार्मिक दृष्टि से शंख का महत्व

शंख बजाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। पुराणों के अनुसार, शंखध्वनि से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। नवरात्रि में शंख बजाना शुभ माना जाता है क्योंकि यह वातावरण को पवित्र करता है और मां दुर्गा के पूजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वैज्ञानिक दृष्टि से शंख बजाने के लाभ

शंख बजाने से उत्पन्न ध्वनि तरंगें वातावरण में फैलती हैं और इससे वायुमंडल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह ध्वनि हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने में सहायक होती है और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि शंख बजाने से फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है और श्वसन तंत्र को लाभ मिलता है।

कलश का महत्व: सुख-समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक

कलश हिन्दू धर्म में मंगल और शुभता का प्रतीक माना जाता है। किसी भी धार्मिक कार्य या पूजन में सबसे पहले कलश स्थापना की जाती है। स्कंद पुराण और देवी भागवत महापुराण में बताया गया है कि कलश ब्रह्मांड का प्रतीक है और इसमें देवताओं का निवास माना जाता है।

धार्मिक दृष्टि से कलश का महत्व

कलश स्थापना से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। इसमें जल भरकर आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है, जो समृद्धि और शुभता को दर्शाते हैं। नवरात्रि में कलश स्थापना से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

वैज्ञानिक दृष्टि से कलश के फायदे

कलश में जल रखने से वातावरण में नमी बनी रहती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। वैज्ञानिक दृष्टि से जल में कंपन ऊर्जा होती है, जो आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है।

नवरात्रि में तुलसी, शंख और कलश का पूजन इसलिए जरूरी

  • तुलसी: देवी लक्ष्मी का प्रतीक होने के साथ-साथ यह वातावरण को शुद्ध करती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है।
  • शंख: इसकी ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, मानसिक तनाव कम होता है और वातावरण शुद्ध होता है।
  • कलश: इसे ब्रह्मांड और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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