छत्तीसगढ़-बालोद के मंदिर में ‘डायन’ को पूजते हैं लोग, परेतिन दाई भरती हैं सूनी गोद

बालोद.

वैसे तो लोग प्रेत, प्रेतात्मा या फिर डायन नाम से ही डर जाते हैं क्योंकि इसको बुरी शक्ति माना जाता है। मगर झिंका गांव के लोगों की आस्था ऐसी है कि ये डायन (परेतिन माता) को माता मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं। इसका एक छोटा सा मंदिर भी है। सिकोसा से अर्जुन्दा जाने वाले रास्ते पर स्थित मंदिर को परेतिन दाई माता मंदिर के नाम से जाना जाता है।

झिंका सहित पूरे बालोद जिले के लोग परेतिन दाई के नाम से जानते हैं। नवरात्र में यहां विशेष अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है और इस मंदिर में ज्योत भी जलाई गई है, आइए जानते हैं इस मंदिर की कहानी। झींका गांव की सरहद में बने परेतिन दाई मंदिर का प्रमाण उसकी मान्यता आस्था का वो प्रतीक है, जिससे आज इस मंदिर को पूरे प्रदेश में जाना जाता है। ग्रामीण गैंदलाल मिरी ने बताया कि बालोद जिले का यह मंदिर पहले एक पेड़ से जुड़ा हुआ था। माता का प्रमाण आज भी उस पेड़ पर है और उसके सामने शीश झुकाकर ही कोई आगे बढ़ता है। आज भी लोग गुजरते हैं तो शीश नवाकर गुजरते हैं और यहां पर जो कोई भी मनोकामना मांगते हैं, वो पूरी जरूर होता है। विशेष रूप से परेतिन दाई सूनी गोद को भरती हैं।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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