CG News: मुख्यमंत्री साय की भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई, 22 आबकारी अधिकारी तत्काल निलंबित, IAS-IFS अफसर भी निशाने पर
CG News: छत्तीसगढ़ सरकार ने 88 करोड़ के शराब घोटाले में 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित किया। IAS-IFS अफसरों पर भी कार्रवाई, भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाया।

CG News: उज्जवल प्रदेश, रायपुर. छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया है। बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने 22 आबकारी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह अब तक किसी भी राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाया गया सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
88 करोड़ की अवैध कमाई, 2019–2023 के बीच बनी संपत्तियाँ
ईओडब्ल्यू (EOW) और एसीबी (ACB) की संयुक्त जांच में सामने आया है कि 2019 से 2023 के बीच आबकारी विभाग के अधिकारियों ने संगठित तरीके से घोटाला करते हुए करोड़ों की अवैध कमाई की। इन पैसों से उन्होंने चल-अचल संपत्तियाँ भी खरीदीं। कार्रवाई की जद में आए 22 अधिकारियों में उपायुक्त, सहायक आयुक्त और जिला आबकारी अधिकारी जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा, प्रमोद कुमार नेताम, विकास गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम, मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव और नितिन कुमार खंडूजा प्रमुख नाम हैं।
भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी तेज जांच
शराब घोटाले के साथ-साथ राज्य सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप, तेंदूपत्ता घोटाला, PSC-2021 परीक्षा घोटाला, CGMSC अनियमितताएं, और भारतमाला योजना में हुई अनियमितताओं की भी गहराई से जांच करा रही है। इन मामलों में कई उच्च स्तर के अधिकारियों को निलंबित या गिरफ्तार किया जा चुका है। PSC प्रकरण में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच CBI को सौंपी गई है।
IAS से लेकर राज्य सेवा अधिकारियों तक पर कड़ी कार्रवाई
इस पारदर्शी और निर्णायक कार्रवाई में IAS, IFS सहित विभिन्न राज्य सेवा के अधिकारी भी जाँच के दायरे में हैं। बीते दो वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, जो राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
प्रशासनिक सुधारों से सुशासन की दिशा में कदम
सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूती देने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं:
- GeM पोर्टल से खरीददारी अनिवार्य
- ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत
- सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से NOC प्रक्रिया आसान
- FL-10 लाइसेंस नीति समाप्त, नकली शराब रोकने के लिए नासिक मुद्रणालय से होलोग्राम अनिवार्य
- खनिज ट्रांजिट पास प्रक्रिया ऑनलाइन, लकड़ियों की ई-नीलामी
- सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था, और हम इसमें शामिल किसी भी दोषी को बख्शने वाले नहीं हैं। राज्य में अब भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। हमारी सरकार जनता को ईमानदार, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है।”