UN में PAHALGAM ATTACK के गुनहगारों की फिर VITO वाली ढाल बना चीन?

UN में पाकिस्तानी जिहादियों को आतंकी संगठन का टैग मिलना भी मुश्किल हो जाता है। पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकी घोषित करने में चीन वीटो पॉवर वाला ढाल बन गया है।

UN: उज्जवल प्रदेश, न्यूयार्क. पाकिस्तान में पलने वाले और आए दिन भारत के खिलाफ साजिश करने वाले आतंकी समूहों को यूएन में आतंकी संगठन का टैग मिलना भी मुश्किल हो जाता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के नाते चीन (China) हर बार अड़ंगा लगाता है और लश्कर-जैश जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों को बचा लेता है। चीन फिर (Again) से वीटो (VITO) पॉवर की ढाल (shield) बनकर उसे बचाने में लगा हुआ है।

इस बार भी पहलगाम में मासूमों की जान लेने वाले लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने के लिए अपने प्रयास में कसर नहीं छोड़ी। भारत के प्रतिनिधि मंडल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति को टीआरएफ के खिलाफ पुख्ता सबूत सौंपे हैं। 1267 नाम की इस समिति का गठन 1999 में किया गया था।

इसका काम आतंकियों की संपत्तियों को फ्रीज करना और संगठन पर प्रतिबंध लगाना है। एनआईए ने जो डोजियर तैयार किया है
उसमें 26/11 का आतंकी हमला, पुलवामा आतंकी हमला, 2016 का पठानकोट हमला और 2001 का संसद पर होने वाला हमला भी
शामिल है।

दोगली नीति अपनाता है चीन

पड़ोसी पाकिस्तान का चीन सदाबहार दोस्त है। आतंक के मामले में भी वह पाकिस्तान का ही साथ दिखाई देता है। ऊपर से भले ही वह आतंकियों की निंदा करने का दिखावा करता हो लेकिन जब बात आती है यूएन में आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल करने की तो वह अड़ंगा लगा देता है। पहलगाम के हमले के बाद भी चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से बात करके उनका समर्थन जताया था।

वीटो लगाकार आतंकियों को बचाता है चीन

चीन ने मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अलकायदा प्रतिबंधित सूची में शामिल करने का विरोध किया था। अमेरिका ने रऊफ पर 2010 में ही प्रतिबंध लगा दिया था। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद वह आतंकियों के जनाजे में फतीहा पढ़ता नजर आया था। उसके साथ पाकिस्तानी सेना के कई अफसर भी मौजूद थे।

तल्हा सईद को लेकर भी विरोध

इसके अलावा लश्कर के प्रमुख और मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को आतंकी घोषित करने को लेकर भी चीन विरोध कर चुका है। उसने भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया था। भारत की सरकार ने तल्हा सईद को आतंकी घोषित किया है। चीन यह भी नहीं चाहता है कि भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य बने। चीन के ही विरोध की वजह से भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य नहीं बन पा रहा है।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और… More »

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