Citizen Cop Application: गुड़े-बदमाशों को पकड़ने अब इंदौर पुलिस का हाईटेक प्लान
इंदौर
इंदौर पुलिस सोमवार से देश में संभवता पहली बार ऐसा प्रयोग करने जा रही है, जिससे फरार बदमाश और यहां के गुड़े-बदमाशों की खैर नहीं होगी। इंदौर पुलिस सड़कों पर चैकिंग के दौरान ही संदिग्धों के फिंगर प्रिंट लेगी और मिलान करेगी। यदि बदमाश के खिलाफ कोई प्रकरण या फरारी में मिला तो उसे हिरासत में ले लिया जाएगा। अपनी तरह का पुलिस में संभवता यह पहला प्रयोग हो रहा है। जिसे सोमवार से इंदौर में लागू किया जाने वाला है।
इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने एक नई शुरूआत की है, जिसमें चैकिंग के दौरान संदेही के फिंगर प्रिंट लेकर पुलिस बायोमेट्रिक मशीन से जांच में पहचान उजागर हो जाएगी। इंदौर पुलिस ने इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। कई महीनों के प्रयास के बाद यह सॉफ्टवेयर तैयार हुआ है। जिसमें अपराधियों का डाटा सेव करने का काम शहर की क्राइम ब्रांच की टीम ने किया है। इसका संचालन सिटीजन क्रॉप एप्लीकेशन के जरिए होगा। चेकिंग में अपराधियों को पकड़ने के लिए इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने प्रभावी कार्यवाही की योजना बनाई थी। इस साफ्टवेयर में फिंगरप्रिंट आधारित क्रिमिनल डाटा अपलोड किया गया है। इस ऐप पर फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम काम करेगी।
इंदौर में सफल तो देशभर में लागू हो सकता है सिस्टम
अपराधियों के फिंगर प्रिंट्स की जांच अब पहले से ज्यादा सटीक और कम समय में किये जाने का अभियान देश भर में चल रहा है। दरअसल केंद्रीय फिंगर प्रिंट ब्यूरो समेत राज्यों में कार्यरत इकाइयां पिछले एक नवंबर से नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआइएस) में काम कर रही है। इस उच्च तकनीक वाले सिस्टम से देशभर के सजायाफ्ता और आदतन अपराधियों के फिंगर प्रिंट्स समेत उसकी पूरी कुंडली सेव है। देश के किसी भी कोने में होने वाली वारदात में मिलने वाले फिंगर प्रिंट्स के मिलान से कम समय में अपराधियों की पहचान हो जाती है।
इस तरह काम करेगा सिटीजन कॉप एप
पुलिस के सिटीजन कॉप एप में जाकर चैकिग करने वाले अफसर लॉगइन होंगे। इसके बाद सर्च क्रिमिनल बाय फिंगरप्रिंट आॅप्शन आएगा। चैकिंग के दौरान मिले संदेही व्यक्ति का फिंगर प्रिंट लेकर बायोमेट्रिक टेस्ट किया जाएगा। मशीन पर संबंधित व्यक्ति के फिंगरप्रिंट आते ही डाटा से मिलान होगा। यदि उस पर केस दर्ज है तो तुरंत जानकारी सामने आ जाएगी। केस के वर्तमान स्टेटस के आधार पर तुरंत उससे पूछताछ की जाएगी। इंदौर पुलिस के इस प्रयोग पर पुलिस मुख्यालय की भी नजर है, यदि यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे मध्यप्रदेश में इसे लागू किया जा सकता है।
प्रदेश के पास है ढाई लाख का डाटा
अपराधियों पर अंकुश लगाने और अपराध होने पर उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रदेशभर के थानों से दसों अंगुलियों के चिह्न एकत्रित कर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो मंगाए जाते हैं। इसके अलावा कोर्ट से सजा पाने वाले बदमाशों के भी फिंगरप्रिंट्स सुरक्षित किए जाते हैं। इन फिंगर प्रिंट्स के साथ संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर में सेव होती है। ये डाटा अपराधियों की धरपकड़ में काफी मददगार होता है। प्रदेश पुलिस के पास ढाई से तीन लाख अपराधियों के फिंगर प्रिंट का डाटा मौजूद है।
इससे क्राइम पर लगेगा अंकुश
सोमवार से इसे शहर में लागू कर रहे हैं। चैकिंग के दौरान हमारे अफसर फिंगर प्रिंट लेंगे और उसका मिलान करेंगे। इसके जरिए हम बदमाशों पर और बेहतर तरीके से अंकुश लगा सकेंगे।
हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर इंदौर