Dark Pattern Scam: डार्क पैटर्न मार्केटिंग को लेकर सरकार की सख्ती, 50 से अधिक कंपनियों को भेजे नोटिस
Dark Pattern Scam: उपभोक्ताओं को भ्रामक तरीकों से गुमराह करने वाले डार्क पैटर्न को खत्म करने की दिशा में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। 50 से अधिक कंपनियों को नोटिस भेज जवाब मांगा है।

Dark Pattern Scam: उज्जवल प्रदेश डेस्क, नई दिल्ली, उपभोक्ताओं को भ्रामक तरीकों से गुमराह करने वाले डार्क पैटर्न को खत्म करने की दिशा में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में मंत्रालय की ओर से आयोजित एक हाई-लेवल मीटिंग में Swiggy, Zomato, Ola, Uber समेत 50 से अधिक प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य था—ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक मार्केटिंग तकनीकों पर लगाम लगाना।
मंत्रालय ने कई कंपनियों को डार्क पैटर्न अपनाने पर नोटिस भी भेजे हैं। आइए समझते हैं कि आखिर ये डार्क पैटर्न है क्या और क्यों इसे लेकर इतनी चर्चा हो रही है।
क्या है डार्क पैटर्न? (Dark Pattern Scam)
डार्क पैटर्न ऐसे डिज़ाइन और रणनीति होती हैं जो ग्राहकों को अनजाने में निर्णय लेने पर मजबूर करती हैं—जैसे जल्दबाज़ी में खरीदारी कराना, अतिरिक्त शुल्क छुपाना या सब्सक्रिप्शन चालू रखना। ये तकनीकें उपभोक्ता की सहमति के बिना ही निर्णय को प्रभावित करती हैं और अनैतिक ई-कॉमर्स प्रैक्टिस में आती हैं।
उदाहरण के तौर पर—”सिर्फ 1 आइटम बचा है” या “डील अभी खत्म हो जाएगी” जैसे मैसेज, जिन्हें देखकर ग्राहक बिना सोच-विचार के खरीदारी कर बैठता है।
Dark Pattern Scam के 10 आम प्रकार – जानिए कैसे आप हो सकते हैं प्रभावित
1. अर्जेंसी (Urgency):
कृत्रिम तात्कालिकता पैदा की जाती है—जैसे “डील बस 10 मिनट में खत्म हो रही है” या “सिर्फ 2 स्टॉक बचा है”।
2. बास्केट स्नीकिंग (Basket Sneaking):
आपके कार्ट में बिना जानकारी के कोई अतिरिक्त प्रोडक्ट या शुल्क जोड़ दिया जाता है।
3. कन्फर्म शेमिंग (Confirm Shaming):
“नहीं, मुझे बेहतर डील नहीं चाहिए” जैसे विकल्प देकर एग्जिट करने में मानसिक दबाव बनाया जाता है।
4. फोर्स्ड एक्शन (Forced Action):
किसी सेवा या साइट का उपयोग करने से पहले कुछ अनचाहे एक्शन पूरे करने की बाध्यता होती है।
5. नैनिंग (Nagging):
बार-बार पॉप-अप या नोटिफिकेशन देकर यूजर को थकाकर कोई निर्णय लेने पर मजबूर किया जाता है।
6. बेट एंड स्विच (Bait and Switch):
कंपनियां आकर्षक ऑफर दिखाकर क्लिक करवाती हैं, लेकिन प्रोडक्ट कुछ और ही निकलता है।
7. हिडन कॉस्ट (Hidden Costs):
पेमेंट से पहले कीमतें साफ नहीं होतीं, लेकिन आखिरी स्टेप में कई छिपे चार्ज जुड़ जाते हैं।
8. ट्रिक क्वेश्चन (Trick Questions):
जैसे—”क्या आप भविष्य में डिस्काउंट नहीं चाहते?” ऐसा सवाल जिसमें सही उत्तर देना उलझन भरा हो।
9. रिकरिंग पेमेंट (Recurring Payments):
फ्री ट्रायल के नाम पर सब्सक्रिप्शन चालू किया जाता है और समय पूरा होने के बाद पैसे काट लिए जाते हैं—बिना स्पष्ट सहमति के।
10. रोग मालवेयर (Rogue Malware):
यूज़र की अनुमति के बिना मैलवेयर इंस्टॉल कर उनकी ब्राउज़िंग हैबिट को प्रभावित किया जाता है।
सरकार की सख्ती: कंपनियों को चेतावनी, कार्रवाई तय
उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 10 बड़े डार्क पैटर्न (Dark Pattern Scam) की पहचान की जा चुकी है। मंत्रालय ने इन प्रैक्टिसेज को अनुचित और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के तहत चिन्हित किया है।
सरकार अब नियमों के तहत कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
कैसे बचें डार्क पैटर्न से?
- हमेशा खरीदारी से पहले फाइनल पेमेंट डिटेल्स चेक करें।
- अनचाहे सब्सक्रिप्शन या ऑटो-रिन्यूअल ऑप्शन को मैनुअली ऑफ करें।
- झूठे डिस्काउंट और “स्टॉक खत्म” जैसे मैसेज से सावधान रहें।
- पर्सनल डेटा शेयर करने से पहले कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ें।