Deen Dayal Upadhyaya Rural Skill Yojana करता है प्रशिक्षित उम्मीदवारों का भविष्य सुरक्षित
Deen Dayal Upadhyaya Rural Skill Yojana : केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार के कई अवसर मिल रहे हैं। आज स्थित यह है कि देशभर में लाखों लोग DDU-GKY के माध्यम से लखपति और करोड़पित बन गए हैं।

Deen Dayal Upadhyaya Rural Skill Yojana : केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार के कई अवसर मिल रहे हैं। आज स्थित यह है कि देशभर में लाखों लोग DDU-GKY के माध्यम से लखपति और करोड़पित बन गए हैं।
वेतन वाली नौकरियां प्रदान करना
DDU-GKY: केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना आज देशभर में चर्चित है। (DDU-GKY)” ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) का एक कौशल प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम देश के ग्रामीण गरीब युवाओं पर केंद्रित है और बेरोजगारों को प्लेसमेंट के बाद ट्रैकिंग, प्रतिधारण और करियर में प्रगति को प्रोत्साहन के माध्यम से लोगों को स्थायी रोजगार पर जोर देता है।
DDU-GKY को ग्रामीण गरीबों को उच्च गुणवत्ता वाले कौशल प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने और एक तंत्र स्थापित करने के लिए पूरी तरह से इसे डिज़ाइन किया गया जो प्रशिक्षित उम्मीदवारों को बेहतर भविष्य सुरक्षित करने में सहायता करता है। DDU-GKY का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करना है जो गरीब हैं और उन्हें न्यूनतम वेतन पर या उससे अधिक नियमित मासिक वेतन वाली नौकरियां देता है।
ये हैं इसके लाभ
- कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है DDU-GKY: यह कार्यक्रम कृषि, निर्माण, खुदरा और आतिथ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। प्रशिक्षण को उद्योग-प्रासंगिक बनाने और लाभार्थियों को रोजगार प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- साक्षात्कार की तैयारी DDU-GKY: यह कार्यक्रम लाभार्थियों को संभावित नियोक्ताओं से जोड़कर प्लेसमेंट सहायता प्रदान करता है। यह कार्यक्रम लाभार्थियों को नौकरी खोजने की प्रक्रिया के दौरान भी सहायता प्रदान करता है, जैसे कि रिज्यूमे लिखना और साक्षात्कार की तैयारी करना।
पोस्ट-प्लेसमेंट सहायता मिलती है
- इस पूरे कार्यक्रम लाभार्थियों को उनकी नई नौकरियों में समायोजित होने में पूरी तरह से मदद करने के लिए पोस्ट-प्लेसमेंट सहायता प्रदान करता है और इस सहायता में मेंटरशिप, परामर्श और संसाधनों तक पहुँच शामिल हो सकती है।
- मार्गदर्शन देना : इस सहायता में प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और नेटवर्किंग अवसरों तक पहुँच शामिल हो सकती है। यह कार्यक्रम लाभार्थियों को उनके करियर में आगे बढ़ने में मदद करने के लिए कैरियर प्रगति सहायता प्रदान करता है।
पीआईए को प्रोत्साहन प्रदान करना
यह प्रोत्साहन पीआईए को लाभार्थियों को ऐसी नौकरियों में नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिसके बाद उनके कौशल और अनुभव के अनुरूप हों। यह पूरा कार्यक्रम लाभार्थियों को उच्च वेतन वाली नौकरियों में नियुक्त करने के लिए पीआईए को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
यह है पात्रता
- डीडीयू-जीकेवाई का लक्ष्य समूह 15 से लेकर 35 आयु वर्ग के गरीब ग्रामीण युवा होना जरूरी है हैं।
- इसका लाभ लेने के लए महिला अभ्यर्थियों, तथा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी), ट्रांसजेंडर और अन्य विशेष समूहों जैसे पुनर्वासित बंधुआ मजदूर, तस्करी के शिकार, मैनुअल स्कैवेंजर, ट्रांसजेंडर, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति आदि के अभ्यर्थियों के लिए ऊपरी आयु सीमा 45 वर्ष तक होनी चाहिए।
गरीबों की पहचान नहीं हो जाती
जब तक पीआईपी के माध्यम से गरीबों की पहचान नहीं हो जाती, तब तक गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों की मौजूदा सूची के अलावा, कई लोगों में से किसी एक के रूप में अर्हता प्राप्त करने वाला आवेदक भी कौशल कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए पात्र होता है, भले ही उसका नाम बीपीएल सूची में न हों । गरीबों की पहचान भागीदारीपूर्ण गरीबों की पहचान (पीआईपी) नामक प्रक्रिया के माध्यम से कर दिया जाता है।
15 दिन का काम मिलता है काम
ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिक परिवारों के युवा जिनके परिवार के किसी सदस्य को पिछले वित्तीय वर्ष में कम से कम 15 दिन का काम मिला हो, ऐसे परिवार का युवा जिसके पास आरएसबीवाई कार्ड है तथा जिसका विवरण कार्ड में अंकित है, ऐसे परिवारों के युवा जिन्हें अंत्योदय अन्न योजना/बीपीएल पीडीएस कार्ड जारी किए गए हैं।