Digital Address ID: हर घर को मिलेगी अपनी डिजिटल पहचान, सरकार लाने जा रही है यूनिक ‘डिजिटल एड्रेस आईडी’, जानें क्या है ये?

Digital Address ID: केंद्र सरकार एक नई डिजिटल पहल की तैयारी कर रही है, जिसके तहत देश के हर घर, दुकान और दफ्तर को एक यूनिक डिजिटल एड्रेस आईडी Digital Address ID मिलेगी।

Digital Address ID: उज्जवल प्रदेश,नई दिल्ली, जैसे हर भारतीय की एक यूनिक पहचान के लिए आधार नंबर होता है, वैसे ही अब जल्द ही आपके घर को भी एक डिजिटल पहचान मिलने वाली है। केंद्र सरकार एक नई डिजिटल पहल की तैयारी कर रही है, जिसके तहत देश के हर घर, दुकान और ऑफिस को मिलेगा एक यूनिक Digital Address ID।

यह योजना भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का हिस्सा होगी और UPI व आधार जैसे सफल डिजिटल इनोवेशन की अगली कड़ी मानी जा रही है। आइए जानते हैं कि यह डिजिटल एड्रेस आईडी क्या है, कैसे काम करेगी और आम लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो सकती है।

क्या है Digital Address ID?

डिजिटल एड्रेस आईडी(Digital Address ID) एक यूनिक डिजिटल कोड होगा जो देश में मौजूद हर फिजिकल लोकेशन जैसे कि घर, दुकान, ऑफिस या किसी अन्य बिल्डिंग को दिया जाएगा। यह कोड उसी तरह से काम करेगा जैसे आधार नंबर व्यक्ति की पहचान करता है। इस यूनिक कोड से किसी भी एड्रेस को डिजिटली वेरिफाई, ट्रैक और ऑथेंटिकेट किया जा सकेगा—वो भी बिना मैनुअल इंटरवेंशन के।

कैसे काम करेगा यह डिजिटल एड्रेस सिस्टम?

यह सिस्टम जियो-लोकेशन, मैपिंग डेटा और मौजूदा पते की जानकारी को एकत्र कर एक यूनिक आईडी जेनरेट करेगा। इसके मुख्य कार्य इस प्रकार होंगे:

  • हर एड्रेस को डिजिटल मैप पर पिन किया जाएगा
  • उस लोकेशन के लिए एक यूनिक कोड जेनरेट होगा
  • यह कोड डिजिटल सेवाओं जैसे UPI, सरकारी पोर्टल्स, डिलीवरी ऐप्स आदि में बतौर एड्रेस यूज़ किया जा सकेगा
  • जरूरत पड़ने पर इसे QR कोड में भी कन्वर्ट किया जा सकता है

Digital Address ID: इस सिस्टम की ज़रूरत क्यों पड़ी?

भारत जैसे विशाल और विविधता भरे देश में एक मानकीकृत एड्रेस सिस्टम की कमी से न केवल लॉजिस्टिक्स बल्कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित होता है। Digital Address ID कई समस्याओं का समाधान ला सकती है:

1. सटीक डिलीवरी और ई-कॉमर्स सुधार:

ऑनलाइन डिलीवरी ऐप्स जैसे प्लेटफॉर्म के लिए, एड्रेस की सटीकता से डिलीवरी का समय और सुविधा बढ़ेगी।

2. सरकारी योजनाओं का बेहतर टारगेटिंग:

डिजिटल पते के माध्यम से यह ट्रैक करना संभव होगा कि किन लाभार्थियों तक योजनाएं पहुंचीं और कहां गड़बड़ी हुई।

3. आपातकालीन सेवाओं के लिए क्रांतिकारी बदलाव:

फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और पुलिस जैसी सेवाएं सटीक लोकेशन पर तेज़ी से पहुंच सकेंगी।

4. फ्रॉड और जाली पते की रोकथाम:

डिजिटल वैरिफिकेशन से फर्जी एड्रेस देकर की जाने वाली धोखाधड़ी रोकी जा सकेगी।

Digital Address ID: क्या है वर्तमान स्थिति?

यह परियोजना अभी योजना और चर्चा के चरण में है। नीति आयोग और डिजिटल इंडिया मिशन के अधिकारी इसकी तकनीकी संभावनाओं और कार्यान्वयन मॉडल पर काम कर रहे हैं। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो अगले कुछ सालों में इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।

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