E-Mandi Yojana: 1 अप्रैल तक सभी 259 कृषि उपज मंडियां होगी हाईटेक

E-Mandi Yojana: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। नए साल से ई-मंडी योजना (E-Mandi Yojana) बी-क्लास की 41 मंडियों में शुरू होने जा रही है।

E-Mandi Yojana: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। नए साल से ई-मंडी योजना (E-Mandi Yojana) बी-क्लास की 41 मंडियों में शुरू होने जा रही है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) जनवरी से अपनी महत्वपूर्ण ई-मंडी योजना (E-Mandi Yojana) का विस्तार कर रहा है।

पूर्व से ई-मंडी योजना 42 मंडियों में क्रियाशील है। ई-मंडी योजना (E-Mandi Yojana) से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिये स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिये या प्रवेश पर्ची के लिये लाइन में नहीं लगना होगा। ई-मंडी योजना (E-Mandi Yojana) के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी।

मंडियों को हाईटेक (Hightech Mandi) बनाया जा रहा है। लक्ष्य रखा गया है कि 01 अप्रैल 2025 से सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में कार्य करें। इससे किसानों को विक्रय या प्रवेश पर्ची के लिये लाइन में नहीं लगना होगा। मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी। किसानों को प्रवेश, अनुबंध, तौल तथा भुगतान करने के बाद उनके मोबाइल पर एसएमएस तथा व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होगा। ई-मंडी योजना एक जनवरी 2025 से प्रदेश की बी-क्लास की 41 मंडियों में विस्तारित की जा रही है।

किसानों को सिर्फ E-Mandi एप पर मिलेगी सारी डिटेल्स

किसानों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है कि वह मंडी आने से पहले मंडी में अपनी प्रवेश पर्ची स्वयं अपने मोबाइल से बना सकते हैं। मंडी ऐप के द्वारा किसान भाइयों के लिये प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। एक बार प्रवेश पर्ची बन जाने पर बार-बार उन्हें अपना संपूर्ण डाटा मंडी में देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। प्रवेश पर्ची बन जाने से किसान सीधे मंडी प्रांगण के नीलामी स्थलों पर जाकर अपनी कृषि उपज की नीलामी करा सकते हैं।

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नीलामी की कार्यवाही की जानकारी किसानों को मोबाइल पर भी प्राप्त होगी। ई-मंडी योजना से किसानों द्वारा मंडी में विक्रय की जा रही कृषि उपज का रिकार्ड संधारण रियल टाइम आॅनलाइन होगा। किसान भाइयों को प्रवेश, अनुबंध, तौल तथा भुगतान करने के बाद उनके मोबाइल पर एसएमएस तथा व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होगा। किसानों को यह जानकारी रहेगी कि उनकी उपज किस व्यापारी द्वारा कितने दाम पर खरीदी गई है।

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तुलावटी भाईयों को ई-मंडी योजना का प्रशिक्षण दिया गया है। वे एंड्रॉयड मोबाइल पर की गई तौल का फाइनल वजन दर्ज करेंगे और उन्हें कोई भी जानकारी लिखने की आवश्यकता नहीं रहेगी। व्यापारी साथियों को भी भुगतान पत्रक बनाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। ई-मंडी योजना में व्यापारी की आईडी पर रेडीमेड भुगतान पत्रक प्रदर्शित होगा। व्यापारी को उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे भुगतान की सिर्फ एंट्री ही करनी होगी।

E-Mandi Yojana में बी-श्रेणी की 41 मंडिया

  • कृ.उ.मं.स. बैरसिया।
  • कृ.उ.मं.स. भैरूंदा।
  • कृ.उ.मं.स. औबेदुल्लागंज
  • कृ.उ.मं.स. रायसेन।
  • कृ.उ.मं.स. सिरोंज।
  • कृ.उ.मं.स. ब्यावरा।
  • कृ.उ.मं.स. पचौर।
  • कृ.उ.मं.स. नरसिंहगढ़।
  • कृ.उ.मं.स. कुरावर।
  • कृ.उ.मं.स. खिरकिया।
  • कृ.उ.मं.स. नर्मदापुरम।
  • कृ.उ.मं.स. सांवेर।
  • कृ.उ.मं.स. महू।
  • कृ.उ.मं.स. मनावर।
  • कृ.उ.मं.स. कुक्षी।
  • कृ.उ.म.स. धामनोद।
  • कृ.उ.म.स. सनावद।
  • कृ.उ.म.स. भीकनगांव।
  • कृ.उ.म.स. बुरहानपुर।
  • कृ.उ.म.स. महिदपुर।
  • कृ.उ.म.स. तराना।
  • कृ.उ.म.स. पिपल्या।
  • कृ.उ.म.स. सैलाना।
  • कृ.उ.म.स. शाजापुर।
  • कृ.उ.म.स. दतिया।
  • कृ.उ.म.स. कुम्भराज।
  • कृ.उ.म.स. मुंगावली।
  • कृ.उ.म.स. कोलारस।
  • कृ.उ.म.स. श्योपुरकलां।
  • कृ.उ.म.स. बीना।
  • कृ.उ.म.स. खुरई।
  • कृ.उ.म.स. हरपालपुर।
  • कृ.उ.म.स. निवाड़ी।
  • कृ.उ.म.स. शहपुरा भिटोनी।
  • कृ.उ.म.स. सौंसर।
  • कृ.उ.म.स. गाडरवाड़ा।
  • कृ.उ.म.स. करेली।
  • कृ.उ.म.स. नरसिंहपुर।
  • कृ.उ.म.स. गोटेगांव।
  • कृ.उ.म.स. सिवनी।
  • कृ.उ.म.स. नागोद।

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Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

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