Ayushman Card है फिर भी दिल्ली के कई अस्पताल नहीं कर रहे फ्री इलाज

Ayushman Card : सरकार जिस तरह से आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाने का ढिंढोरा पीट रही है उस हिसाब से लोगों को मुफ्त इलाज नहीं मिल रहा है। लोग आज भी आयुष्मान कार्ड लेकर इस अस्पताल से उस अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं।

Ayushman Card : उज्जवल प्रदेश डेस्क. सरकार जिस तरह से आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाने का ढिंढोरा पीट रही है उस हिसाब से लोगों को मुफ्त इलाज नहीं मिल रहा है। लोग आज भी आयुष्मान कार्ड लेकर इस अस्पताल से उस अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में आयुष्मान कार्ड तो बनने लगे हैं। लेकिन इससे कैशलेस इलाज मिल पाएगा इस पर संशयं बना हुआ है? उम्मीद कि मुश्किल समय में इस कार्ड से अच्छा इलाज मिल सकेगा और अपनों का साथ नहीं छूटेगा।

अब तक अस्पतालों की संख्या 100 भी नहीं पहुंची

बड़ी बात ये है कि दिल्ली में आयुष्मान कार्ड और बुजुर्गों के लिए बनने वाले आयुष्मान वय वंदना कार्ड के अंतर्गत सरकारी या निजी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक का फ्री इलाज करा सकते हैं। यानि की जिस परिवार के पास यह कार्ड है, वह यह भरोसा कर सकता है कि परेशानी के समय उसे या उसके परिवार को बेहतर इलाज तुरंत मिल जाएगा।

बता दें कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से निजी अस्पताल आनाकानी करने लगे हुए हैं। हालात ये हैं कि अबत दिल्ली में इस योजना को लागू हुए दो महीने से ज्यादा का समय हो गये लेकिन अभी तक अस्पतालों की संख्या 100 भी नहीं पहुंची है।

चार महीने में 443 अस्पताल ही इस योजना से जुड़े

देश की राजधनी दिल्ली ही नहीं बल्कि राज्यों में भी लगातार निजी अस्पतालों का आनकानी करना आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के लिए टेशन बन गया है।

2018 से मार्च 2025 के बीच 600 से ज्यादा अस्पताल खुद को इस योजना से अलग कर चुके हैं। बड़ी बात ये है कि नए अस्पतालों के जुड़ने का औसत भी 2024 में 316 था, जो 2025 अप्रैल तक 111 ही रह गया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) का डाटा जो डैशबोर्ड पर दिख रहा है।

नामी अस्पताल रेट से असंतुष्ट

देश भर के कई बड़े अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत तय रेट सूची से खुश नहीं हैं। अस्पतालों का कहनाह है कि इस कीमत पर बेहतर इलाज कर पाना मुश्किल है।

सरकार की तरफ से भुगतान भी समय पर नहीं होता है। अगर सरकार रेट सूची में कुछ बदलाव करती है तो बड़े अस्पताल भी इस योजना से जुड़ सकते हैं। उनकी मांग है कि कम से कम CGHS के बराबर तो कीमत हो।

14 अस्पताल पैनल में हैं

राजधानी दिल्ली में बड़ी समस्या यह भी है कि बड़े अस्पताल इस योजना से दूर ही हैं। PMJAY की वेबसाइट पर सेंट्रल दिल्ली में सिर्फ एक प्राइवेट अस्पताल ही दिखा रहा है। पूर्वी दिल्ली में 3 प्राइवेट अस्पताल ही पैनल में हैं, जिनमें से एक आंखों के लिए है। नई दिल्ली क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्राइवेट अस्पताल पैनल में हैं। यहां 14 अस्पताल पैनल में हैं। इनमें आंखों के अस्पताल को छोड़कर बात करें तो मेंदाता और मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट ही बड़े नाम हैं।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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