Fake Rashan Card: सरकार फर्जी गरीबों का काटेगी नाम, तैयार हो रही सूची
Fake Rashan Card: दिल्ली सरकार अब सख्त तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। अब फर्जीराशनधारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फर्जी ऐसे राशन कार्ड हैं जो फर्जी तरीके से योजना का लाभ ले रहे हैं।

Fake Rashan Card: उज्जवल प्रदेश डेस्क. दिल्ली सरकार अब सख्त तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। अब फर्जी राशनधारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। फर्जी ऐसे राशन कार्ड हैं जो फर्जी तरीके से योजना का लाभ ले रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में ‘फर्जी गरीबों’ को मिलने वाला गेहूं-चावल जल्द बंद हो सकता है, जिसकी तैयारी सरकार ने कर ली है।
राज्य सरकार फर्जीवाड़ा कर राशन कार्ड बनवाने वालों का डाटा एकजुट करने में जुट गई है तो वहीं दिल्ली सरकार के आईटी विभाग ने अपनी जांच में पाया है कि बहुत से लोग गलत जानकारी देकर राशन कार्ड बनवा रहे हैं और मु्फ्त का राशन ले रहे हैं। इन नामों में हजारों ऐसे नाम भी हैं, जो सरकारी नौकरी में हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि आईटी विभाग ने इस तरह के सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भी लिख दिया है।
सब्सिडी की भी रिकवरी की जा सकती है
राशन कार्ड के रिकॉर्ड की समीक्षा करते हुए IT विभाग ने पाया कि 5600 लाभार्थी ऐसे हैं, जो दिल्ली सरकार में नौकरी भी कर रहे हैं और राशन कार्ड के जरिए सब्सिडी वाला राशन भी ले रहे हैं।
विभाग ने इन कर्मचारियों की पूरी लिस्ट तैयार की है, जिनमें उनके राशन कार्ड नंबर, कर्मचारी कोड और पद की जानकारी दी गई है। आईटी विभाग के अधिकारी के मुताबिक सर्विसेस डिपार्टमेंट इनके खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकता है। इनसे अब तक मिली सब्सिडी की भी रिकवरी की जा सकती है।
डाटा संबंधित विभागों को ट्रांसफर कर दिया
सबसे बड़ी बात ये है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, Pay & Account Office (PAO) और राजस्व रिकॉर्ड का डाटा शुरुआती समीक्षा के लिए आईटी विभाग के पास आया था। इस दौरान फर्जीवाड़े का पता चला है । अफसरों के अनुसार विभाग Unified Data Hub बनाने की तैयारी में है, जो सभी विभागों को डाटा मुहैया कराएगा।
इसके जरिए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंच पाएगा। साथ में फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। शुरुआती जांच में 5621 लाभार्थियों का डाटा दिल्ली सरकार में कर्मचारियों के PAO रिकॉर्ड से मैच पाया गया। यही नहीं इनमें से 395 सरकारी कर्मचारियों के नाम तो राशन कार्ड रिकॉर्ड में परिवार के मुखिया के तौर पर दर्ज है। यह सारा डाटा संबंधित विभागों को ट्रांसफर कर दिया गया है।
आय 1 लाख रुपये से ज्यादा बताई
जांच के दौरान यह भी पता चला कि 3072 केस ऐसे हैं, जिनके लाभार्थियों ने राजस्व विभाग को दिए आय प्रमाण पत्र में सालाना आय 1 लाख रुपये से ज्यादा बताई है। इसके बावजूद वे राशन कार्ड पर सब्सिडी वाले गेहूं-चावल और चीनी ले रहे हैं। विभाग ने इनके खिलाफ भी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है।
झूठे प्रमाण पत्र दिखाकर राशन कार्ड बनवा रखे
दिल्ली में लंबे समय से राशन कार्ड को लेकर सत्यापन नहीं हुए थे और अब फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट ने फर्जी राशन कार्ड या डुप्लीकेट राशन कार्ड की जांच के लिए वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू कर रखी है। उन लोगों के राशन कार्ड काटे जा रहे हैं, जिन्होंने गड़बड़ी करके या झूठे प्रमाण पत्र दिखाकर राशन कार्ड बनवा रखे हैं।