CJI DY Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलकर की बात, अयोध्या फैसले से पहले भगवान के सामने क्यों बैठे थे
CJI DY Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल पर खुलकर बात की है। उन्होंने बताया है कि आखिर अयोध्या राम मंदिर से जुड़ा फैसला सुनाने से पहले वह भगवान के पास क्यों बैठे थे।

CJI DY Chandrachud: उज्जवल प्रदेश,नई दिल्ली. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल पर खुलकर बात की है। उन्होंने बताया है कि आखिर अयोध्या राम मंदिर से जुड़ा फैसला सुनाने से पहले वह भगवान के पास क्यों बैठे थे। साथ ही उन्होंने गणेश पूजा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके घर आने पर भी प्रतिक्रिया दी है। खास बात है कि इन दोनों ही मुद्दों को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों ने जमकर आपत्ति जताई थी।
बीबीसी से बातचीत में फैसले को लेकर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अगर आप सोशल मीडिया देखेंगे और जज की कही बात समझने की कोशिश करेंगे, तो आपको गलत जवाब मिलेगा। मैं इनकार नहीं करता कि मैं धार्मिक व्यक्ति हूं। हमारे संविधान में यह जरूरी नहीं है कि आपको स्वतंत्र जज होने के लिए नास्तिक होना होगा और मैं अपनी आस्था का सम्मान करता हूं। मेरी आस्था मुझे धर्म की सार्वभौमिकता सिखाती है।’ उन्होंने कहा, ‘जो भी मेरी अदालत में आया, उसे निष्पक्ष न्याय दिया गया है। फिर चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह सुप्रीम कोर्ट के सभी दूसरे जजों पर भी लागू होता है।’
पूर्व सीजेआई ने बताया कि न्यायाधीश संघर्ष में काम करते हैं। उन्होंने कहा , ‘ऐसे संघर्ष के बीच आप शांति कैसे पा सकते हैं। अलग-अलग जजों के पास शांति हासिल करने के अलग-अलग तरीके होते हैं। मेरे लिए ध्यान और प्रार्थना बहुत जरूरी है, लेकिन ध्यान और प्रार्थना मुझे सिखाती है कि देश के हर धार्मिक समूह और समुदाय के साथ निष्पक्ष रहना है।’ दरअसल, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि वह अयोध्या पर फैसले से पहले भगवान के सामने बैठे थे।
पीएम मोदी के घर पर आने पर क्या बोले
इस मामले पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारी व्यवस्था इतनी मेच्योर तो है जो समझ सके कि उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच जो शिष्टाचार होता है, उसका मामलों से कोई लेना देना नहीं होता है।’ उन्होंने कहा कि पीएम के घर आने से पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मामलों में फैसले दिए हैं और उनके आने के बाद भी।
उन्होंने कहा, ‘लोकतांत्रिक समाज में न्यायपालिका की भूमिका संसद में विपक्ष की नहीं होती है। हम यहां मामलों पर फैसला करने के लिए और कानून के हिसाब से काम करने के लिए हैं।’ जस्टिस चंद्रचूड़ बीते साल नवंबर में रिटायर हो गए थे। अब सीजेआई संजीव खन्ना हैं।