Google के पूर्व इंजीनियर Ray Kurzweil ने किया चौंकाने वाला दावा: 2030 तक इंसान अमर हो जाएगा!
Ray Kurzweil : गूगल के पूर्व इंजीनियर और फ्यूचरिस्ट रे कुर्ज़वील (Ray Kurzweil) ने एक बार फिर विवादास्पद भविष्यवाणी की है। उन्होंने दावा किया है कि 2030 तक मनुष्य "अमरता के करीब" पहुंच जाएगा और तकनीक की मदद से मृत्यु को हराया जा सकेगा।

Ray Kurzweil : उज्जवल प्रदेश, वॉशिंगटन. गूगल के पूर्व इंजीनियर और फ्यूचरिस्ट रे कुर्ज़वील (Ray Kurzweil) ने एक बार फिर विवादास्पद भविष्यवाणी की है। उन्होंने दावा किया है कि 2030 तक मनुष्य “अमरता के करीब” पहुंच जाएगा और तकनीक की मदद से मृत्यु को हराया जा सकेगा।
दरअसल तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जेनेटिक इंजीनियरिंग और नैनोटेक्नोलॉजी इंसान को बहुत ही जल्द अमर बना देंगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट् के मुताबिक यह कहना है मशहूर भविष्यवक्ता या भविष्य वैज्ञानिक और गूगल के पूर्व इंजीनियर रे कुर्जवील का।
कुर्जवील ने हाल ही में दावा किया है कि इंसान 2030 तक अमर हो सकते हैं। उनके इस बयान ने दुनिया भर में एक बार फिर अमरता को लेकर चर्चा छेड़ दी है। इसके पीछे उन्होंने किसी चमत्कार नहीं बल्कि टेकनोलॉजी को ही आधार बताया है। चलिए जानते हैं कुर्जवील के दावों के पीछे कितना दम है?
कौन हैं रे कुर्ज़वील ?
- गूगल में डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग रह चुके हैं।
- 86% सही भविष्यवाणियों का दावा (जैसे 1990 में इंटरनेट के विस्फोटक विकास का अनुमान)।
- फ्यूचरिस्ट के तौर पर प्रसिद्ध, “द एज ऑफ स्पिरिचुअल मशीन्स” जैसी किताबें लिखी हैं।
क्या है कुर्ज़वील का पूरा दावा?
“टेक्नोलॉजिकल सिंगुलैरिटी” का समय आ रहा है
- कुर्ज़वील के अनुसार, AI, नैनोटेक्नोलॉजी और जैव-इंजीनियरिंग के मिलन से इंसानी शरीर को “अपग्रेड” किया जा सकेगा।
- 2030 तक नैनोबॉट्स हमारे खून में घूमेंगे, जो बीमारियों को ठीक करेंगे और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकेंगे।
“माइंड अपलोडिंग” संभव होगा
- उनका मानना है कि मानव चेतना (Consciousness) को कंप्यूटर में ट्रांसफर किया जा सकेगा, जिससे शारीरिक मृत्यु के बाद भी “डिजिटल अमरता” मिलेगी।
AI डॉक्टर्स हमें स्वस्थ रखेंगे
- AI हमारे शरीर का रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा और बीमारियों को जन्म लेने से पहले ही खत्म कर देगा।
क्या यह वैज्ञानिक रूप से संभव है?
समर्थन
- कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि जीन एडिटिंग (CRISPR) और स्टेम सेल थेरेपी से उम्र बढ़ने की गति धीमी की जा सकती है।
- कंपनियां जैसे Altos Labs (जेफ बेजोस द्वारा फंडेड) “एजिंग रिवर्सल” पर शोध कर रही हैं।
आलोचना
- कई विशेषज्ञ इसे “अति-आशावादी” मानते हैं और कहते हैं कि मानव शरीर की जटिलताओं को पूरी तरह नियंत्रित करना अभी संभव नहीं।
- नैतिक सवाल: अगर कुछ लोग अमर हो जाएं, तो समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
क्या-क्या बदल सकता है 2030 तक?
- बायोनिक अंग: टूट-फूट अंगों की जगह AI-संचालित अंग लगेंगे।
- डिजिटल दिमाग: मस्तिष्क को क्लाउड से कनेक्ट करने की तकनीक (Neuralink जैसी)।
- अमीरों की “अमरता”: शुरुआत में यह तकनीक सिर्फ अमीरों के लिए होगी।