Harda News: रोजगार मेला बना मजाक, खाली कुर्सियों और सुनसान स्टॉल्स ने बयां की हकीकत
Harda News: हरदा में रोजगार मेला मजाक बनकर रह गया। न कंपनियों के प्रतिनिधि पहुंचे और न ही बेरोजगार युवाओं ने रुचि दिखाई। शासकीय आईटीआई में आयोजित मेले में कुर्सियां खाली रहीं और स्टॉल सूने नजर आए।

Harda News: उज्जवल प्रदेश, हरदा. रोजगार देने के वादों के बीच हरदा में आयोजित रोजगार मेला मजाक बनकर रह गया। जहां एक ओर बेरोजगार युवा सरकारी नौकरियों और प्राइवेट जॉब्स की उम्मीद लेकर आते हैं, वहीं इस मेले में न तो कंपनियों के प्रतिनिधि पहुंचे और न ही युवाओं ने इसमें कोई खास दिलचस्पी दिखाई। गुरुवार को शासकीय आईटीआई में आयोजित इस रोजगार, स्वरोजगार और अप्रेंटिस मेले में ज्यादातर कुर्सियां खाली रहीं और कंपनियों के स्टॉल सूने नजर आए।
कंपनियों ने दिखाया ठंडा रवैया, युवा भी रहे गायब
इस रोजगार मेले (Harda News) में 15 कंपनियों को आमंत्रित किया गया था। जिला रोजगार अधिकारी लक्ष्मण सिंह सिलोटे ने बताया कि 6 कंपनियों के प्रतिनिधियों के आने की पुष्टि हुई थी, लेकिन हकीकत में सिर्फ एक कंपनी का प्रतिनिधि ही पहुंचा। वहीं बेरोजगार युवाओं का भी मेले में खास उत्साह देखने को नहीं मिला।
अधिकारी ने मेले की विफलता की वजह गुरु पूर्णिमा को बताया। उन्होंने कहा कि कई युवा खंडवा दर्शन के लिए गए होंगे। साथ ही लगातार बारिश और हर महीने लगने वाले मेले के कारण भी युवाओं की उपस्थिति कम रही।
कुछ देर मौजूद रहे छात्र, फिर लौटे क्लास में
मेले (Harda News) की शुरुआत में आईटीआई के कुछ छात्र-छात्राएं जरूर पहुंचे, लेकिन कुछ देर बाद वे भी अपनी कक्षाओं में वापस लौट गए। युवाओं की बेरुखी और कंपनियों की अनुपस्थिति ने इस आयोजन की सार्थकता पर सवाल खड़े कर दिए।
स्वास्थ्य विभाग ने दी जागरूकता की जानकारी
रोजगार (Harda News) की उम्मीद लगाए जो भी गिने-चुने युवा मेले में पहुंचे, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हेल्थ चेकअप और जागरूकता की जानकारी दी। डॉ. नवीन जैन और आशीष साकल्ले ने मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर 14416 और ‘मंजीत एप’ के बारे में अवगत कराया। इसके साथ ही तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर भी चर्चा की गई।
युवाओं के लिए बना मजाक, सवालों के घेरे में प्रशासन
हरदा (Harda News) में हर महीने रोजगार मेला आयोजित किया जाता है, लेकिन जब इसमें कंपनियों के प्रतिनिधि और बेरोजगार युवा ही मौजूद नहीं रहते, तो ऐसे आयोजनों का कोई औचित्य नहीं बचता। खासकर तब, जब प्रशासन खुद भी उपस्थिति की कमी के लिए मौसम और धार्मिक आयोजनों का बहाना बनाने लगे।
हरदा में बेरोजगारी की जमीनी हकीकत
यह मेला हरदा जिले (Harda News) में युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की जमीनी हकीकत को उजागर करता है। युवाओं में इस तरह के आयोजनों के प्रति घटती रुचि और कंपनियों का उदासीन रवैया इस बात का संकेत है कि केवल आयोजन करने से बेरोजगारी दूर नहीं होगी, इसके लिए ठोस प्रयास और ईमानदार क्रियान्वयन की आवश्यकता है।