HMPV Virus: कोविड के दौरान जन्मे बच्चों के लिए नई चुनौती? जानिए विशेषज्ञों की राय
HMPV Virus: HMPV (Human Metapneumovirus) चीन और भारत समेत कई देशों में चिंता का कारण बन रहा है। यह वायरस खासकर छोटे बच्चों, शिशुओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है।

HMPV Virus: HMPV (Human Metapneumovirus) चीन और भारत समेत कई देशों में चिंता का कारण बन रहा है। यह वायरस खासकर छोटे बच्चों, शिशुओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है। महामारी के दौरान जन्मे बच्चों में ‘इम्युनिटी डेब्ट’ की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ा है। मौसम, इम्यून सिस्टम की कमजोर स्थिति और सामाजिक दूरी ने वायरस को बढ़ाया है। स्वच्छता और सतर्कता से इस वायरस से बचाव संभव है।
HMPV की भारत में स्थिति…
HMPV (Human Metapneumovirus) एक वायरस है, जो इंसानों के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह अधिक गंभीर रूप ले सकता है। भारत में अब तक HMPV के 7 मामले सामने आए हैं। हाल ही में बेंगलुरु में आठ महीने की बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई। इसके बाद गुजरात और महाराष्ट्र में भी कुछ मामले सामने आए हैं।
इम्युनिटी डेब्ट’ का क्या मतलब है?
महामारी के दौरान जन्मे बच्चों में सामान्य वायरस और संक्रमण के संपर्क में आने के अवसर कम हुए। इससे उनकी इम्यूनिटी कमजोर रह गई, जिसे विशेषज्ञ ‘इम्युनिटी डेब्ट’ कहते हैं। इस कमजोर इम्यूनिटी के कारण बच्चे HMPV जैसे वायरस का आसान शिकार बन रहे हैं।
ज्यादा जोखिम किसे…
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे।
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग।
- श्वसन समस्याओं (जैसे अस्थमा, COPD) वाले व्यक्ति।
- गर्भवती महिलाएं।
बचाव के उपाय
- स्वच्छता बनाए रखें: हाथ धोएं, मास्क पहनें।
- बीमार लोगों से दूरी: खांसी-जुकाम वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें।
- सर्दी के मौसम में सावधानी: सर्दी में नैसल पैसेज कमजोर हो सकता है, जिससे वायरस का संक्रमण आसान हो जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है…
- डॉ. अमिताव बनर्जी: महामारी के दौरान बच्चों के वायरस के संपर्क में न आने से उनकी इम्यूनिटी कमजोर हुई है।
- डॉ. राजेश कार्यकार्ते: मौसम भी HMPV के प्रसार में अहम भूमिका निभा रहा है। सर्दी के मौसम में नैसल पैसेज कमजोर हो जाता है, जिससे वायरस का संक्रमण बढ़ जाता है।
डिस्क्रिप्शन: कोविड महामारी के बाद HMPV एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है। यह वायरस विशेष रूप से दो साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञ ‘इम्युनिटी डेब्ट’ को इसके बढ़ते मामलों का एक बड़ा कारण मानते हैं।