काम की खबर: जान का खतरा होने पर आप भी खरीद सकते है बुलेटप्रूफ कार, जानिए पूरे नियम और कायदे
Bulletproof Car: बुलेटप्रूफ गाड़ियां आमतौर पर नेताओं, वीआईपी और सेलिब्रिटीज के पास देखी जाती हैं। लेकिन क्या एक आम नागरिक भी इसे खरीद सकता है? इस लेख में हम बताएंगे कि बुलेटप्रूफ गाड़ी कैसे ली जा सकती है, उसके लिए क्या नियम हैं और कितना खर्च आता है।

Bulletproof Car: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत में बुलेटप्रूफ गाड़ी खरीदना आम आदमी के लिए भी संभव है, लेकिन इसके लिए विशेष सरकारी अनुमति जरूरी होती है। जिलाधिकारी से लेकर गृह मंत्रालय तक की मंजूरी के बाद ही आप गाड़ी को बुलेटप्रूफ करवा सकते हैं। इसकी लागत 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
क्या आप भी बुलेटप्रूफ गाड़ी खरीदना चाहते हैं? जानिए भारत में इसके लिए क्या नियम हैं, कैसे मिलती है अनुमति और कितनी होती है इसकी लागत। यह आर्टिकल आपको बताएगा कि आम नागरिक को किन शर्तों के साथ बुलेटप्रूफ गाड़ी मिल सकती है और कौन-कौन सी कंपनियां यह सुविधा देती हैं।
Bulletproof Car क्या होती है?
बुलेटप्रूफ गाड़ी एक खास तरह का वाहन होता है जिसे सुरक्षा के लिहाज से मॉडिफाई किया जाता है। इसमें आर्मर्ड स्टील, बुलेटप्रूफ ग्लास, और रन-फ्लैट टायर जैसे विशेष सुरक्षा उपकरण लगाए जाते हैं ताकि यह गोलियों, बम धमाकों या किसी भी प्रकार के जानलेवा हमले से सुरक्षा दे सके। ऐसी गाड़ियां अक्सर राजनेताओं, उद्योगपतियों, फिल्म सितारों या उन लोगों के पास होती हैं जिन्हें जान का खतरा होता है। लेकिन सुरक्षा की चिंता आजकल आम नागरिकों के मन में भी रहती है, खासकर जब उन्हें धमकियां मिलती हैं या वे किसी संवेदनशील क्षेत्र में रहते हैं।
क्या आम आदमी खरीद सकता है बुलेटप्रूफ गाड़ी?
इस सवाल का जवाब है– हां, लेकिन शर्तों के साथ। भारत में कोई भी नागरिक बुलेटप्रूफ गाड़ी खरीद सकता है, पर इसके लिए उसे कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होता है। यह एक सामान्य कार खरीदने जितना आसान नहीं है।
क्या हैं नियम?
बुलेटप्रूफ गाड़ी लेने के लिए सबसे पहले यह साबित करना जरूरी होता है कि व्यक्ति को गंभीर खतरा है। यह खतरा किसी आपराधिक तत्व से हो सकता है या किसी पेशेवर जिम्मेदारी के कारण।
इसके लिए तीन चरणों में अनुमति लेनी होती है:
1. जिलाधिकारी (DM)– सबसे पहले DM के पास आवेदन देना होता है। इसमें खतरे का पूरा विवरण और कारण बताना होता है।
2. पुलिस अधीक्षक (SP)– DM से आवेदन पास होने के बाद SP द्वारा व्यक्ति की सुरक्षा जांच की जाती है।
3. गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs)– SP की रिपोर्ट सही पाए जाने पर अंतिम मंजूरी गृह मंत्रालय देता है।
बिना सरकारी मंजूरी के बुलेटप्रूफिंग कराना गैरकानूनी है और इसके लिए सजा का प्रावधान है।
गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनवाने की प्रक्रिया
मंजूरी मिलने के बाद व्यक्ति अपनी कार को किसी अधिकृत कंपनी से बुलेटप्रूफ करवा सकता है। ये कंपनियां विशेष तकनीक और सामग्री का उपयोग करके वाहन को सुरक्षा के लिहाज से मजबूत बनाती हैं।
बुलेटप्रूफिंग में ये बदलाव किए जाते हैं
- मोटे बुलेटप्रूफ ग्लास लगाना
- आर्मर्ड स्टील बॉडी का निर्माण
- रन-फ्लैट टायर्स की फिटिंग
- फ्यूल टैंक को ब्लास्टप्रूफ बनाना
- इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा सिस्टम इंस्टॉल करना
बुलेटप्रूफिंग में कितना खर्च आता है?
इसका खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस मॉडल की गाड़ी को बुलेटप्रूफ करवा रहे हैं और कितने हाई लेवल की सुरक्षा चाहते हैं।
- बेसिक SUV (जैसे Toyota Fortuner, Mahindra Scorpio):
10 लाख से 40 लाख रुपए तक - मिड-लेवल से लग्जरी (जैसे BMW, Audi, Mercedes):
50 लाख से 1 करोड़ रुपए या उससे अधिक
उदाहरण के तौर पर, एक Toyota Fortuner को बुलेटप्रूफ करवाने में लगभग 25-30 लाख रुपए तक का खर्च आता है।
किन कंपनियों से बनवा सकते हैं बुलेटप्रूफ कार?
भारत में कई कंपनियां बुलेटप्रूफिंग सेवा देती हैं। इनमें प्रमुख हैं-
- JCBL Armouring Solutions (पंजाब)
- MKU Limited (कानपुर)
- Armoured Vehicles Nigam Limited (AVNL)
- SPYKER Armoured Vehicles
ये कंपनियां सरकारी अनुमति के बाद ही गाड़ियों को मॉडिफाई करती हैं और तय सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं।
RTO में दोबारा रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है?
बुलेटप्रूफिंग के बाद वाहन को RTO में दोबारा रजिस्टर कराना अनिवार्य होता है। इसमें गाड़ी को “Armored Vehicle” के रूप में रजिस्टर किया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत वाहन की पहचान, वजन और सुरक्षा से जुड़े बदलावों को आधिकारिक रूप से दर्ज किया जाता है।
बिना अनुमति बुलेटप्रूफ गाड़ी बनवाने के खतरे
अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के बुलेटप्रूफ कार बनवाता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बन सकता है। ऐसे मामलों में पुलिस और खुफिया एजेंसियां कानूनी कार्रवाई कर सकती हैं।
-जरूरी दस्तावेज़ क्या होते हैं?
बुलेटप्रूफ गाड़ी के लिए मंजूरी लेते समय ये दस्तावेज़ लग सकते हैं-
- पहचान पत्र (Aadhar, Passport आदि)
- खतरे का सबूत (FIR, थ्रेट लेटर आदि)
- वर्तमान वाहन का रजिस्ट्रेशन
- सुरक्षा आवश्यकता का विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो