आतंकी का साथ दिया तो पूरे परिवार व उसके रिश्तेदारों को मिलेगी सजा

अगर आप किसी भी आतंकी गतिविधियों से जुड़े हैं तो आपके साथ साथ आपके पूरे परिवार को सजा मिलेगी यानि की घर के किसी भी सदस्य को सरकारी नौकरी का लाभ नहीं दिया जाएगा।

उज्जवल प्रदेश डेस्क. अगर आप किसी भी आतंकी गतिविधियों से जुड़े हैं तो आपके साथ साथ आपके पूरे परिवार को सजा मिलेगी यानि की घर के किसी भी सदस्य को सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकवादियों को इस बार ऐसा सबक सिखाया है, जिसे वो शायद ही कभी भूल पाएंगे। इस बार ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आराम फरमा रहे लगभग 100 आतंकियों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया गया।

सरकार की दोटूक, सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी

भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही कह दिया था कि आतंकी के परिवार के किसी भी सदस्य को सरकारी नौकरी का लाभ नहीं दिया जाएगा। यहां तक कि उनके करीबी रिश्तेदारों भी सरकारी नौकरी को भूल जाएं । उन्होंने कहा था कि अगर कोई आतंकी संगठन से जुड़ता है तो उसके परिवार के किसी भी सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।

नहीं मिलेगी 2 लाख रुपये और सब्सिडी

‘सहायता’ योजना के जरिए हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को स्वरोजगार के लिए सरकार की तरफ से 2 लाख रुपये दिए जाते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि यह पैसा लौटाने की भी जरूरत नहीं होती। इसके साथ साथ बिजनेस को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत भी ऋण मिल सकता है। पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी या जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटना या किसी भी तरह की हिंसा में प्रभावित परिवारों को जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से आर्थिक मदद की जाती है।

बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कर्मशियल वाहन खरीदने पर सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत 80,000 रुपये तक सरकार की तरफ से दिए जाते हैं। ‘मिशन यूथ’ और ‘मुमकिन’ मुहिम के अंतर्गत और भी कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन इन योजनाओं में एक शर्त स्पष्ट है कि अगर कोई हिंसा में शामिल रहता है या आतंकी गतिविधि में संलिप्त है होता है तो न सिर्फ उसे बल्कि उसके परिजनों को भी इन योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

जनहित में चल रहीं कई योजनायें

बता दें कि जम्मू-कश्मीर की आवाम के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। जम्मू व कश्मीर सरकार के साथ-साथ भारत सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि कल्याणकारी योजनाओं का पूरा फायदा वहां की आवाम को मिल सके और उनका सामाजिक व आर्थिक स्तर बेहतर हो सके।

युवाओं को नौकरी से लेकर बिजनेस शुरू करने के लिए आर्थिक मदद और बिना ब्याज लोन तक की सुविधा तक दी जा रही है। मगर उन ‘भटके’ हुए युवाओं को साफ संदेश भी है कि अगर आतंकियों का साथ दिया तो फिर सरकारी मदद को भूल जाएं।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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