INDORE में नाली के CHAMBER में घुसी BIKE, पीछे बैठी महिला की गिरने से मौत
INDORE में सड़क पर बने नाली चैंबर का ढक्कन गलत ढंग से लगाने के कारण बाइक पर पीछे बैठी महिला की मौत हो गई। बाइक का पहिया चैंबर के गेप में उतरा और पीछे बैठी महिला उछलकर गिर गई।

INDORE: उज्जवल प्रदेश, इंदौर. सड़क पर बने नाली चैंबर (Drain CHAMBER) का ढक्कन गलत ढंग से लगाने के कारण महिला की मौत हो गई। महिला पति के साथ घर जा रही थी। बाइक (BIKE) का पहिया चैंबर के गेप में उतरा (Entered) और पीछे बैठी (Behind sitting) महिला (Woman) उछलकर गिर (fell) गई। सिर में ऐसी चोट लगी कि उसे होश ही नहीं आया बाद में मौत (Died) हो गई।
राहगीरों की सहायता से उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना पलासिया थाना अंतर्गत बारह पत्थर (सेंट पाल स्कूल के पास) की है। नीलगिरि दुधिया निवासी नरेंद्र रायकवार शुक्रवार दोपहर पत्नी भारती (47) के साथ घर जा रहे थे। स्कूल के पास बीच सड़क पर बने चैंबर पर उनकी गाड़ी चली गई।
चैंबर पर ढक्कन तो लगा था, मगर उसमें तीन इंच का गैप था। गाड़ी का संतुलन बिगड़ने से भारती उछलकर नीचे गिर गई। नरेंद्र स्कूल बस चालक की मदद से उसे गीता भवन ले गए, लेकिन डॉक्टर ने रेफर कर दिया। निजी अस्पताल में आधे घंटे बाद मृत घोषित कर दिया गया।
बीआरटीएस के गड्ढे के कारण भी हो चुकी है मौत
पिछले वर्ष एलआईजी चौराहे पर भी घटना हुई थी। स्कूटर सवार रवि गौड़ का स्कूटर बीआरटीएस पर गड्ढे के कारण असंतुलित हो गया और उसकी पत्नी शानू गिर गई। सिर में चोट लगने से शानू की मौत हो गई। इसके पूर्व भंवरकुआं क्षेत्र में भी गड्ढे में गिरने से एक छात्रा की मौत हो चुकी है।
अधिक लोड के कारण टूट जाते हैं ढक्कन
जिस सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ज्यादा होती है, वहां चैंबरों पर हेवी ड्यूटी ढक्कन लगाते हैं। अधिक लोड के कारण भी कई चैंबरों के ढक्कन क्षतिग्रस्त होते हैं। जानकारी में आने के बाद उन्हें बदला जाता है। हम पता करवा रहे हैं कि आखिर चैंबर ड्रेनेज का था या स्टार्म वाटर का।
– रोहित सिसोनिया, अपर आयुक्त नगर निगम
नगर निगम के खिलाफ थाने में शिकायत दे सकते हैं
कानून ऐसी किसी भी दुर्घटना के लिए जवाबदेही तय करने, सजा दिलवाने और क्षतिपूर्ति का अधिकार प्रभावित व्यक्ति या मृत व्यक्ति के स्वजन को देता है। संबंधित व्यक्ति के परिवार वाले नगर निगम के खिलाफ थाने में शिकायत देकर प्रकरण दर्ज करवाने के साथ कोर्ट में परिवाद दायर कर सकते हैं। शासन को भी पक्ष बनाया जाएगा।
– निमेष पाठक, अधिवक्ता, उच्च न्यायालय