India-Pak Tension: BSF जवान ने पत्नी से बताए पाकिस्तान के दर्दनाक मंजर, जासूसों के तरह करते थे टार्चर
India-Pak Tension: 21 दिनों के बाद रिहा होकर पाकिस्तान से भारत लौटे बीएसएफ जवान की पाकिस्तान वाली कहानी उन्ही के जुबानी। बता दें यह घटना पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन घटी थी।

India-Pak Tension: उज्जवल प्रदेश, कोलकता. पाकिस्तान से 21 दिनों के बाद रिहा होकर भारत लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ ने अपनी पत्नी रजनी से फोन पर बातचीत में कैद के दौरान के अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने अपनी पत्नी को बताया कि पाकिस्तान में कैद के दौरान उन्हें रात को सोने तक नहीं दिया गया। लगातार पूछताछ की जाती थी। पाकिस्तानी ऐसी हरकत करते थे कि जैसे पीके शॉ कोई जासूस हों।
23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान पूर्णम कुमार शॉ गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए थे। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन यह घटना घटी। पाकिस्तान की सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया था। भारत सरकार ने कूटनीतिक चैनल के जरिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान से उसकी रिहाई हुई।
तीन अलग-अलग जगहों पर रखा गया
बुधवार को पति से बात करने के बाद रजनी शॉ ने से बात करते हुए कहा, “उन्होंने बताया कि उन्हें शारीरिक यातना नहीं दी गई, लेकिन मानसिक रूप से वे पूरी तरह थक चुके हैं। उन्हें हर रात पूछताछ के लिए उठाया जाता था। वह बोले कि उन्हें खाना तो मिलता था, लेकिन दांत साफ करने की अनुमति भी नहीं दी गई। उनकी आवाज में थकावट साफ झलक रही थी।”
रजनी ने यह भी बताया कि पूर्णम शॉ को तीन अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। उनमें से एक जगह संभवतः किसी एयरबेस के पास की जगह थी, क्योंकि वहां हवाई जहाजों की आवाजें आती थीं। यह सब उनके मानसिक तनाव को और बढ़ाने वाला अनुभव था। रजनी शॉ ने गर्व के साथ कहा, “वह पिछले 17 वर्षों से देश की सेवा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम सभी को उन पर गर्व है। वह फिर से ड्यूटी पर लौटेंगे।” अगर शॉ को जल्दी छुट्टी नहीं मिली, तो रजनी स्वयं पठानकोट जाकर उनसे मिलने की योजना बना रही हैं। आपको बता दें कि बुधवार शाम को पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा के जरिए भारत लाया गया, जहां उनका मेडिकल परीक्षण और डिब्रीफिंग की गई।