Indore News : कई छात्रों का एक ही रोल नंबर, विषय और अंकों में हो रही गफलत

Latest Indore News : इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक मामला सामने आया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने की जल्दबाजी में स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा व रिजल्ट में गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

Indore News : उज्जवल प्रदेश, इंदौर. इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक मामला सामने आया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (ठएढ) को लागू करने की जल्दबाजी में स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा व रिजल्ट में गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अब एक ही रोल नंबर दो-दो छात्रों को आवंटित करने का मामला सामने आया है।

इससे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की मुसीबतें बढ़ गई हैं, क्योंकि विषयों की गफलत की वजह से कई विद्यार्थियों के रिजल्ट रोकना पड़े हैं। रिव्यू रिजल्ट बनाने में भी समय लग रहा है। गलती को ठीक करने में विश्वविद्यालय प्रशासन जुटा है। अधिकारियों के मुताबिक अगले दो से तीन दिन में रिव्यू रिजल्ट घोषित किए जाएंगे।

एनईपी के अंतर्गत स्नातक प्रथम वर्ष की जून से अगस्त के बीच परीक्षा रखी गई। इस बीच उच्च शिक्षा विभाग ने 30 अक्टूबर तक रिजल्ट जारी करने की समयसीमा रखी। विश्वविद्यालय ने 10 से 22 अक्टूबर के बीच बीए, बीकाम, बीएससी, बीजेएमसी, बीएसडब्ल्यू, बीएचएमएसी के रिजल्ट निकाले पर सैकड़ों विद्यार्थियों के रिजल्ट रोकना पड़े, क्योंकि कई छात्र-छात्राओं को एक जैसे रोल नंबर आवंटित हो गए थे। इनमें सबसे ज्यादा बीकाम और बीए के विद्यार्थी शामिल थे।

सूत्रों के मुताबिक कई विद्यार्थियों के रिजल्ट में एक जैसे विषय और अंक दर्शाए, जबकि उन्होंने अलग-अलग विषयों की परीक्षा दी थी। ड़बड़ी सामने आने के बाद विश्वविद्यालय रिजल्ट में संशोधन करने में जुट गया। विद्यार्थियों के विषय और अंकों का पता लगाने के लिए विश्वविद्यालय ने नामांकन नंबर का सहारा लिया। उसके आधार पर रुके रिजल्ट को सुधारा गया। इस वजह से रिव्यू रिजल्ट बनाने में समय लगा। तीन महीने बाद बीकाम और बीएसडब्ल्यू का रिजल्ट शुक्रवार को निकाला, जबकि बीए, बीएससी, बीएचएससी, बीजेएमसी का रिव्यू रिजल्ट आना बाकी है।

नहीं दिए इंटरनल मार्क्स

अक्टूबर में रोके गए रिजल्ट में बीए के छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है। इन विद्यार्थियों को भी एक जैसे रोल नंबर आवंटित हुए हैं। नामांकन के अलावा विश्वविद्यालय ने कालेज से विषय और इंटरनल मार्क्स को लेकर जानकारी मांगी है। कई कालेजों से विद्यार्थियों का डाटा नहीं मिला है।

इस वजह से रिजल्ट तैयार करने में समय लगा रहा है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को यह तक पता नहीं है कि वे उत्तीर्ण हो चुके हैं या फिर उन्हें सप्लीमेंट्री आई है, जबकि 19 जनवरी से विश्वविद्यालय ने स्नातक प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा रखी है।

नहीं बनी अंकसूची

बीए, बीकाम और बीएससी फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों को रिजल्ट जारी होने के तीन महीने बाद भी अंकसूची नहीं मिली है, क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक अंकसूची का प्रारूप तय नहीं कर पाया है। एनईपी के तहत अंकसूची में विद्यार्थियों के अंकों के बजाए ग्रेड बताएंगे। फिलहाल विद्यार्थी कंप्यूटराइज्ड मार्कशीट से काम चलने को मजबूर हैं।

Deepak Vishwakarma

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