इंदौर: स्वतंत्रता दिवस पर आठ लाख घरों पर फहराएगा तिरंगा, 1300 महिलाएं तैयार कर रही झंडे

इंदौर
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 11 से 17 अगस्त तक पूरे जिले के आठ लाख घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। जिला प्रशासन और नगर निगम की योजना के अनुसार, 30 जुलाई तक सभी झंडे तैयार कर लिए जाएंगे। इसके बाद 1 से 10 अगस्त के बीच झंडों का वितरण किया जाएगा। सरकार के हर घर झंडा अभियान के लिए इंदौर में बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है।

अब तक बने ढाई लाख झंडे
जानकारी हो कि शहरी क्षेत्र में लगभग 1300 महिलाएं इस काम में लगी हैं। अब तक ढाई लाख झंडे बन चुके हैं और अगले कुछ दिनों में बचे हुए झंडे भी बन जाएंगे। इंदौर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की सदस्याओं से राष्ट्रीय ध्वज तैयार करवाए जा रहे हैं। झंडों के लिए सूरत और अन्य स्थानों से कपड़ा बुलाया जा रहा है।

पंचायत मुख्यालय से झंडाें का वितरण
मालूम हो कि शहरी क्षेत्र में हर वार्ड सहित 250 स्थानों से और ग्रामीण क्षेत्र में हर ग्राम पंचायत मुख्यालय से झंडाें का वितरण किया जाएगा। इसमें शासकीय कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी ली जाएगी। इस अभियान में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता डा. अनिल भंडारी समन्वयक की भूमिका में हैं।

छह लाख झंडे लगाए जाएंगे
वहीं, निगम के उपायुक्त ने बताया कि शहरी क्षेत्र में छह लाख झंडे लगाए जाएंगे। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से शहरी क्षेत्र में हम अब तक दो लाख झंडे बनाए जा चुके हैं। बचा हुआ काम भी अगले तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। उधर ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिलाओं के स्वयं सहायता समूह झंडे बनाने का काम कर रहे हैं। मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक ने कहा कि कलारिया और अलवासा के स्वयं सहायता समूहों ने अब तक 50 हजार झंडे बनाए गए हैं।

संस्था प्रवेश की अध्यक्ष ने कहा
इस तरह के अभियान आगे भी चलते रहना चाहिए, जिससे जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार भी मिलता रहे। पहले भी समूह की महिलाओं ने नगर निगम के लिए साढ़े तीन लाख झोले बनाए थे।

राष्ट्रीय ध्वज बनाकर गर्व का अनुभव
मालूम हो कि इंदौर के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि हमने पहली बार झंडे बनाए हैं। राष्ट्रीय ध्वज बनाकर हमें गर्व का अनुभव हुआ। हमारे समूह की महिलाओं ने 10 हजार झंडे तैयार किए हैं। राष्ट्रीय ध्वज बनाने से हमें रोजगार का अवसर भी मिला है। स्वयं सहायता समूह के लिए काम कर रही संस्था प्रवेश की अध्यक्ष ने बताया कि तिरंगा बनाते हुए महिलाएं इस बात का भी बहुत ध्यान रख रही हैं कि कहीं उस पर पांव न लग जाए, अपमान न हो जाए। इससे लगता है कि इस अभियान से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के मन में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान की भावना भी जागृत हो रही है।

Deepak Vishwakarma

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