Auction: 106 साल पहले छपे 10 रुपये के नोट की Auction House Noonans में होगी नीलामी

Auction House Noonans: पुराने नोट और सिक्कों के कद्रदानों की कोई कमी नहीं है। बहुत से लोग इस तरह की चीजों के लिए तिजोरी खोल कर तैयार बैठे रहते हैं। ऐसे ही शौकीन लोगों के लिए अगले सप्ता 10 रुपये के दो नोट नीलाम किये जाने वाले हैं। आइए जानते हैं इन नोटों के बारे में।

Auction House Noonans: उज्जवल प्रदेश, लंदन. पुराने और दुर्लभ नोटों एवं सिक्कों, पेंटिंग आदि के कद्रदां की कोई कमी नहीं है। ऐसी वस्तुओं की ब्रिटेन के मेफेयर स्थित ऑक्शन हाउस नूनान्स (Auction house Noonans) में नीलामी होती है। इसी नीलामी घर में अब 106 साल पहले छपे 10 रुपये के दो नोटों की नीलामी होगी। इन नोटों की भी अजीब दास्तां है। इन्हें बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England) ने छापा था, जहाज में लाद कर भारत भेजा जा रहा था। लेकिन दुर्भाग्यवश वह जहाज डूब गया। उस जहाज पर लदे अधिकतर भारतीय करेंसी नोटों को तो नष्ट कर दिए गए। लेकिन ये दो नोट अभी भी किसी के पास सुरक्षित हैं।

कहां और कब होगी नीलामी – Auction House Noonans

हमारो सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार 10 रुपये के इन दो नोटों की नीलामी मेफेयर के ऑक्शन हाउस नूनान्स में होगी। यह नीलामी 29 मई 2024 को होनी है। हालांकि ये बिना हस्ताक्षर के नोट हैं, लेकिन सुपर क्वालिटी ऑरिजिनल पेपर पर छपे हैं। इनका सीरियल नंबर भी अभी तक ज्यों का त्यो हैं। ये नोट लंदन से भारतीय शहर बॉम्बे (अब मुंबई) जर्मन यू-बोट एसएस शिराला (SS Shirala) से भेजे जा रहे थे। इस जहाज पर इन नोटों के पूरे ब्लॉक्स और ओरिजिनल पेप लादे गए थे ताकि इन्हे बॉम्बे ले जा कर नोट छापा जा सके।

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कितने में हो सकती है नीलामी

बताया जाता है कि इन दो नोटों की नीलामी का लॉट 474 और 475 तय किया गया है। इन दोनों लॉटों की नीलामी 29 मई को होगी। ऐसा अनुमान है कि इनकी नीलामी £2,000-2,600 (Rs 2.1 lakh to Rs 2.7 lakh)में हो सकती है। इन दोनों नोटों को अहस्ताक्षरित, शानदार गुणवत्ता वाले मूल कागज पर छपे और बेहद दुर्लभ बताए गए हैं।

बेहद अच्छी हालत में हैं नोट

ऑक्शन हाउस नूनन्स में मुद्राशास्त्र (Numismatics) के प्रमुख थॉमसिना स्मिथ लंदन से बॉम्बे जा रहा जहाज जब डूब गया तो उसमें लदे माल भी डूब गए। इसमें कई नोट तैरकर किनारे आ गए, जिनमें अहस्ताक्षरित पांच और 10 रुपये के नोट और हस्ताक्षरित एक रुपये का नोट (जो इस नीलामी में भी शामिल है) थे। उनमें से अधिकांश को बरामद कर लिया गया और बाद में अधिकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया और उनके स्थान पर नए प्रिंट किए गए। हालांकि, बहुत कम नोट निजी हाथों में रहे। ये बहुत अच्छी स्थिति में हैं। उनका कहना है कि ये नोट कसकर बंधे बंडल के बीच में रहे होंगे, इसलिए समुद्री खारे पानी से संपर्क नहीं आए। यह भी आश्चर्यजनक है कि उन पर सीरियल नंबर भी अंकित हैं।

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एसएस शिराला क्या था

एसएस शिराला उस समय का आधुनिक पैसेंजर और कार्गो फेरी माना जाता था। इसका उपयोग इंग्लैंड से भारत के शिडुल्ड रूट्स पर यात्रियों और माल को ले जाने के लिए किया जाता था। 29 जून 1918 को उन्होंने अपनी अंतिम यात्रा शुरू की। वह लंदन से भारत में बॉम्बे के लिए रवाना हुई थी। उसमें यात्रियों के साथ-साथ मिश्रित माल भरे थे, जिनमें युद्ध सामग्री, हाथी दांत, शराब, मुरब्बा, लॉरी पार्ट्स, मॉडल टी कारों के लिए स्पेयर, हीरे और बैंक ऑफ इंग्लैंड से रुपये के रूप में मुद्रित होने वाले कागज की शीट्स शामिल थीं।

केसे डूबा था जहाज

2 जुलाई 1918 को 17.12 बजे, शिराला ओवर्स लाइटशिप वेसल (Owers lightship vessel) से चार मील उत्तर-पूर्व में था, जब लोह्स ने एक टारपीडो दागा। इससे बंदरगाह के साइड में जहाज पर विस्फोट हो गया। इसके बाद जहाज के कैप्टन ई. जी. मुर्रे डिकेंसन ने सभी को जहाज खाली करने का आदेश दिया। इससे जहाज में सवार सभी 200 यात्री तो बच गए, लेकिन, दुख की बात है कि चालक दल के 100 सदस्यों में से आठ की मौत हो गई। इनकी मौत की वजह स्टोक रूम में भरना था। दरअसल, जब समुद्र का ठंडा समुद्र का पानी स्टोक रूम में भरा तो वह जहाज के गर्म बॉयलर के संपर्क में आया। इससे स्टोक रूम में विस्फोट हो गया और आठ क्रू मेम्बर मारे गए। साथ ही जहाज भी डूब गया था।

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