Iran-Israel जंग से चीन की अर्थव्यवस्था पर संकट! सस्ते तेल पर निर्भरता से ड्रैगन को ऊर्जा संकट का डर
Iran-Israel: चीन की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा का एक बड़ा हिस्सा ईरान से मिलने वाले डिस्काउंट रेट वाले कच्चे तेल पर निर्भर है। वर्तमान मे ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग के चलते यह आपूर्ति बाधित हो सकती है।

नई दिल्ली: उज्जवल प्रदेश डेस्क. ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग का असर अब वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है, और सबसे बड़ा झटका चीन को लगता नजर आ रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा का एक बड़ा हिस्सा ईरान से मिलने वाले डिस्काउंट रेट वाले कच्चे तेल पर निर्भर है। वर्तमान संघर्ष के चलते यह आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे चीन के सामने गंभीर ऊर्जा संकट खड़ा हो सकता है।
ईरानी तेल पर चीन की गहरी निर्भरता
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा ईरान (Iran-Israel) से आने वाले सस्ते तेल से पूरा करता है। चीन को यह तेल भारी छूट पर मिलता है, जो वैश्विक बाजार से कहीं अधिक सस्ता होता है। हालांकि अब तक इस विषय में न तो चीन और न ही ईरान की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है, लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार, हालात बेहद चिंताजनक हैं।
Iran-Israel: सीमित विकल्प और बढ़ता संकट
चीन के पास ईरान के तेल (Iran-Israel) पर निर्भर रहने के अलावा कोई और विकल्प फिलहाल मौजूद नहीं है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी तेल एक विकल्प जरूर हो सकता है, पर इसकी सप्लाई सीमित है और यह महज 1 डॉलर प्रति बैरल का ही डिस्काउंट देता है। वहीं, वेनेजुएला का तेल गुणवत्ता में कमजोर माना जाता है और उसे चीन तक लाना लॉजिस्टिक रूप से चुनौतीपूर्ण है। इन कारणों से चीन को ईरानी तेल का कोई व्यावहारिक विकल्प नहीं मिल पा रहा है।
शासन परिवर्तन से बढ़ सकता है आर्थिक जोखिम
सूत्रों ने यह भी आशंका जताई है कि अगर ईरान में मौजूदा शासन का पतन होता है और वहां शासन परिवर्तन होता है, तो नया प्रशासन अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करते हुए डॉलर में फिर से व्यापार शुरू कर सकता है। चीन को इससे बहुत नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान-इजरायल का तेल वैश्विक बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से चीन को हर साल २०-३० बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है, जिससे चीन की मुद्रा और व्यापारिक रणनीतियां प्रभावित होंगी।
Iran-Israel: बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को भी खतरा
ईरान, चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक प्रमुख हिस्सा है। मौजूदा तनाव और संभावित राजनीतिक अस्थिरता इस रणनीतिक योजना को भी प्रभावित कर सकती है। यदि ईरान में मौजूदा शासन गिरता है, तो ईरान और मध्य एशिया में चीन (Iran-Israel) की निवेश योजनाएं अधर में लटक सकती हैं।
चीन के लिए कूटनीतिक और आर्थिक दोहरा संकट
ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते चीन को वहां बेहतर मोलभाव करने की स्थिति मिलती है, जो अब खतरे में पड़ सकती है। अगर मौजूदा संघर्ष और गहराता है, तो चीन को ऊर्जा संकट (Iran-Israel) के साथ-साथ भूराजनैतिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा।