क्या वाकई फायदेमंद है Multigrain Atta? जानिए इसके छिपे जोखिम मल्टीग्रेन आटे के 7 साइड इफेक्ट्स
Multigrain Atta हेल्दी माना जाता है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इससे कब्ज, एलर्जी, मोटापा और पाचन समस्याएं हो सकती हैं। सही जानकारी और सावधानी से ही इसका सेवन करें। जानिए मल्टीग्रेन आटे के 7 बड़े नुकसान और इनसे बचाव के उपाय।

Multigrain Atta: उज्जवल प्रदेश डेस्क. मल्टीग्रेन आटा आजकल फिटनेस के प्रति जागरूक लोगों की पहली पसंद बन चुका है। यह कई तरह के अनाज मिलाकर बनाया जाता है और इसे सेहतमंद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? आइए जानें मल्टीग्रेन आटे के 7 बड़े नुकसान।
मल्टीग्रेन आटा के 7 बड़े नुकसान
मौजूदा समय में लोग सेहत को लेकर काफी सजग हो गए हैं। खानपान में भी लोग पारंपरिक गेहूं के आटे की जगह मल्टीग्रेन आटे को तरजीह देने लगे हैं। यह आटा गेहूं, मक्का, बाजरा, रागी, ओट्स, चना, सोयाबीन जैसे कई अनाजों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। माना जाता है कि इस आटे में फाइबर और पोषक तत्व भरपूर होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। लेकिन हर चीज के दो पहलू होते हैं। जिस तरह इसके फायदे हैं, उसी तरह कुछ नुकसान भी हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है-
1. पाचन संबंधी समस्याएं
मल्टीग्रेन आटे में मौजूद उच्च मात्रा में फाइबर कुछ लोगों के पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है। जिन लोगों की पाचन क्षमता कमजोर है, उन्हें मल्टीग्रेन आटा खाने के बाद गैस, पेट में सूजन, मरोड़ या बेचैनी महसूस हो सकती है। खासकर जब इसे अचानक ज्यादा मात्रा में डाइट में शामिल कर लिया जाए, तो यह समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
2. कब्ज की समस्या
अक्सर लोगों को लगता है कि फाइबर कब्ज से राहत दिलाता है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह हर किसी के लिए सही हो। फाइबर का अधिक मात्रा में सेवन करने से आंतों में मल सख्त हो सकता है, जिससे मल त्याग में कठिनाई होती है और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। इसके साथ पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने पर यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
3. एलर्जी की आशंका
मल्टीग्रेन आटे में मौजूद कुछ अनाज, जैसे गेहूं, सोयाबीन या चना, एलर्जी का कारण बन सकते हैं। कई लोगों को इन अनाजों से स्किन एलर्जी, खुजली, चकत्ते या पेट दर्द की समस्या हो सकती है। खासकर जिन्हें ग्लूटेन एलर्जी है, उन्हें मल्टीग्रेन आटे से पूरी तरह बचना चाहिए।
मोटापे का खतरा
हेल्दी दिखने वाले मल्टीग्रेन ब्रेड या बेकरी उत्पादों में कई बार अतिरिक्त शुगर, प्रिजर्वेटिव्स और अधिक कैलोरी शामिल होती हैं। इन्हें सीमित मात्रा में न खाने पर वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, अधिक फाइबर और कार्बोहाइड्रेट शरीर में फैट के रूप में जमा हो सकते हैं, जिससे मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है।
4. पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा
मल्टीग्रेन आटे में मौजूद कुछ अनाजों में फाइटेट्स जैसे यौगिक होते हैं जो शरीर में आयरन, कैल्शियम और जिंक जैसे खनिजों के अवशोषण को रोक सकते हैं। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जो आगे चलकर कमजोरी और थकान जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
5. ब्लड शुगर पर असर
कुछ मल्टीग्रेन उत्पादों में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले अनाज होते हैं, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह हानिकारक हो सकता है। बिना विशेषज्ञ की सलाह लिए इसका सेवन करने से रक्त शर्करा असंतुलित हो सकता है।
6. पेट फूलना और गैस बनना
मल्टीग्रेन आटा गैस और ब्लोटिंग की समस्या को भी जन्म दे सकता है, खासकर तब जब इसे अधिक मात्रा में खाया जाए। अधिक फाइबर युक्त डाइट शरीर में गैस बनाने वाले बैक्टीरिया को सक्रिय कर सकती है, जिससे पेट में भारीपन और असहजता बनी रहती है।
मल्टीग्रेन आटे के सेवन में बरतें ये सावधानियां…
अगर आप पहली बार मल्टीग्रेन आटे को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं तो इसे धीरे-धीरे कम मात्रा से शुरू करें। अचानक इसकी मात्रा बढ़ाने से पाचन गड़बड़ हो सकता है। इसके साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि फाइबर ठीक से पच सके। साथ ही, बाजार में उपलब्ध हर मल्टीग्रेन उत्पाद को हेल्दी न मानें, लेबल पढ़ें और सिर्फ उसी ब्रांड का चयन करें जिसमें कोई हानिकारक तत्व न हो। बेहतर होगा कि अपने लिए सही अनाज मिश्रण चुनने से पहले किसी न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें।