ISRO ने सफलतापूर्वक किया मॉडल रॉकेट लांच टेस्ट, जानिए पूरी जानकारी

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), एन-स्पेस और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) ने मॉडल रॉकेटरी छात्र प्रतियोगिता से पहले उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक सिस्टम सत्यापन परीक्षण का आयोजन किया।

ISRO: उज्जवल प्रदेश डेस्क. कुशीनगर। 14 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के तमकुही राज क्षेत्र में आयोजित यह कार्यक्रम कोई पूर्ण रॉकेट लॉन्च नहीं था, बल्कि IN-SPACe CANSAT और मॉडल रॉकेट्री इंडिया स्टूडेंट प्रतियोगिता 2024–25 के लिए साइट और सिस्टम वैलिडेशन टेस्ट था। इस आयोजन का उद्देश्य आने वाली प्रतियोगिता से पहले तकनीकी पहलुओं की पुष्टि करना था।

प्रतियोगिता का उद्देश्य: छात्रों को स्पेस टेक्नोलॉजी में व्यावहारिक अनुभव

यह प्रतियोगिता इंस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI), ISRO और IN-SPACe ने मिलकर आयोजित की है। इसका मुख्य लक्ष्य राष्ट्रीय अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों को मॉडल रॉकेट्री और CANSAT तकनीक का व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है। 900 से अधिक विद्यार्थी-निर्मित मॉडल और CANSAT उपग्रह अक्टूबर से नवंबर 2025 में प्रतियोगिता में दिखाए जाएंगे।

ISRO का रॉकेट परीक्षण, तकनीकी मानकों की जांच

टेस्ट लांच का उद्देश्य प्रक्षेपण स्थल की उपयुक्तता, सुरक्षा मानक, कम्युनिकेशन रेंज, और रिकवरी कंडीशन्स जैसे तकनीकी मानकों की जांच करना था। यह मॉडल रॉकेट परीक्षण (ISRO) रकबा जंगल पट्टी, सैवराही, तमकुही राज, कुशीनगर में 14–15 जून को आयोजित किया गया। रॉकेट की कुल वज़न 15 किलोग्राम थी और यह लगभग 1 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुंचा। रॉकेट से 1 किलो वज़नी CANSAT (कैन के आकार का सैटेलाइट) सफलतापूर्वक तैनात किया गया और पैराशूट की मदद से दोनों को सुरक्षित उतारा गया।

निजी कंपनी द्वारा विकसित तकनीक

इस परीक्षण में प्रयुक्त मॉडल रॉकेट और लांचर का निर्माण थ्रस्ट टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था। द्वारा विकसित किया गया था, जिसे ISRO और IN-SPACe के विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार किया गया। इन तकनीकों का उपयोग आगामी छात्र प्रतियोगिता में किया जाएगा।

ISRO- राष्ट्रीय स्तर की छात्र भागीदारी

देशभर के छात्र अपने स्वयं के मॉडल रॉकेट और CANSAT डिजाइन कर रहे हैं, जिनकी समीक्षा IN-SPACe और ISRO के विशेषज्ञों की टीम कर रही है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को इससे पहले यह प्रमाणित करना होता है कि उनके मॉड्यूल सभी सुरक्षा और तकनीकी मानकों को पूरा करते हैं।

कुशीनगर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में राष्ट्रीय कार्यक्रम

यह गर्व की बात है कि एक अंतरिक्ष तकनीकी कार्यक्रम को कुशीनगर के रकबा जंगल पट्टी गांव (ISRO) में लाया गया। माननीय सांसद श्री शशांक मणि जी की पहल से यह संभव हो पाया है। लॉन्च इवेंट के दौरान IN-SPACe के प्रमोशन डायरेक्टरेट के निदेशक डॉ. विनोद कुमार, जिला अधिकारी श्री महेंद्र सिंह तंवर समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

ISRO- स्थानीय प्रशासन का सहयोग

ASI, IN-SPACe और जिला विज्ञान क्लब कुशीनगर/जिला प्रशासन के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी साइन किया गया, ताकि आयोजन के दौरान स्थानीय स्तर पर सहयोग सुनिश्चित किया जा सके।

युवा वैज्ञानिकों के लिए बड़ा अवसर

यह पहल IN-SPACe के सहयोगात्मक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य युवाओं में वैज्ञानिक (ISRO) सोच को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना है।

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