JEE Main 2025: आप भी नहीं जानते क्या होता है परसेंटाइल और प्रतिशत में अंतर, जानें कैसे निकालता हैं NTA स्कोर!

JEE Main 2025 का रिजल्ट परसेंटाइल में घोषित किया गया है। जानिए परसेंटाइल और प्रतिशत में अंतर, NTA का फॉर्मूला और कैसे निकाला जाता है स्कोर।

जेईई मेन 2025 का पहला सेशन खत्म हो चुका है और एनटीए ने 11 फरवरी को परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। इस परीक्षा में लाखों छात्रों ने भाग लिया, जिसमें 14 छात्रों ने 100 परसेंटाइल स्कोर किया। रिजल्ट परसेंटाइल में घोषित होता है, जिससे कई छात्रों को भ्रम होता है कि परसेंटाइल और प्रतिशत में क्या अंतर होता है? एनटीए आखिर परसेंटाइल कैसे निकालता है? इस लेख में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे।

JEE Main 2025 कब हुई और इसका रिजल्ट

जेईई मेन 2025 का पहला सेशन 22, 23, 24, 28 और 29 जनवरी को आयोजित किया गया था। परीक्षा दो पालियों में हुई थी। इसके अलावा, 30 जनवरी को एक शिफ्ट में बी.आर्क और बी.प्लानिंग (पेपर 2) की परीक्षा आयोजित की गई थी। अभी केवल बीई/बीटेक (पेपर 1) का रिजल्ट जारी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेपर 2 का परिणाम भी जल्द ही घोषित किया जाएगा। छात्र एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

परसेंटाइल और प्रतिशत में क्या अंतर होता है?

प्रतिशत: किसी भी परीक्षा में छात्रों को प्राप्त अंकों को 100 में से गणना करके निकाला जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी छात्र ने 80 अंक प्राप्त किए हैं और कुल अंक 100 हैं, तो उसका प्रतिशत 80% होगा। प्रतिशत केवल छात्र के प्रदर्शन को दर्शाता है और इसमें अन्य परीक्षार्थियों की स्थिति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

परसेंटाइल: यह दर्शाता है कि एक परीक्षार्थी कितने अन्य छात्रों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। यह एक रैंकिंग प्रणाली है जिसमें यह देखा जाता है कि कुल परीक्षार्थियों में से कितने छात्र किसी विशेष स्कोर से कम स्कोर कर रहे हैं। परसेंटाइल सीधे तौर पर छात्रों की रैंकिंग निर्धारित करता है और इससे यह पता चलता है कि छात्र ने बाकी छात्रों की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है।

NTA ऐसे निकालता है परसेंटाइल स्कोर

जेईई मेन में कई पालियों में परीक्षा होती है, इसलिए स्कोर को सामान्य करने के लिए परसेंटाइल स्कोर का उपयोग किया जाता है। परसेंटाइल स्कोर निकालने के लिए एनटीए निम्नलिखित फॉर्मूला अपनाता है-

परसेंटाइल स्कोर =(उस पाली में छात्र के बराबर या कम स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या / उस पाली में परीक्षा देने वाले कुल छात्रों की संख्या) × 100

इसका मतलब यह है कि जिस पाली में सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले छात्र होंगे, उनका परसेंटाइल 100 होगा। जबकि अन्य छात्रों का परसेंटाइल उनके प्रदर्शन के अनुसार कम होगा।

उदाहरण के लिए, अगर किसी परीक्षा पाली में कुल 50,000 छात्र शामिल हुए और एक छात्र का रॉ स्कोर उतना ही या उससे कम स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या 45,000 है, तो उसका परसेंटाइल स्कोर होगा:

(45,000 / 50,000) × 100 = 90 परसेंटाइल।

क्या परसेंटाइल स्कोरिंग का ये फार्मूला ठीक है?

परसेंटाइल स्कोरिंग प्रणाली इसलिए लागू की जाती है क्योंकि जेईई मेन कई पालियों में आयोजित होता है और हर पाली में पेपर का कठिनाई स्तर भिन्न हो सकता है। यदि परीक्षा केवल अंकों के आधार पर होती, तो अलग-अलग पालियों के छात्रों को असमान लाभ या नुकसान हो सकता था। परसेंटाइल सिस्टम सभी पालियों को बराबर करने में मदद करता है और निष्पक्ष परिणाम बताता है।

जेईई मेन 2025 के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

  • जेईई मेन 2025 का पहला सेशन समाप्त हो चुका है और एनटीए ने 11 फरवरी को इसका रिजल्ट जारी कर दिया है।
  • इस बार 14 छात्रों ने 100 परसेंटाइल स्कोर किया है।
  • परसेंटाइल और प्रतिशत में बड़ा अंतर होता है। परसेंटाइल छात्र की रैंकिंग दिखाता है, जबकि प्रतिशत प्राप्त अंकों को दर्शाता है।
  • NTA परसेंटाइल स्कोरिंग फॉर्मूला अपनाकर परीक्षा परिणाम घोषित करता है, जिससे विभिन्न पालियों के कठिनाई स्तर का संतुलन बना रहता है।
  • पेपर 2 (बी.आर्क और बी.प्लानिंग) का रिजल्ट जल्द ही जारी किया जाएगा।

ये समझना क्यों है जरूरी

जेईई मेन का रिजल्ट परसेंटाइल स्कोर के आधार पर जारी किया जाता है, जिससे छात्रों की रैंकिंग तय की जाती है। प्रतिशत और परसेंटाइल में मूलभूत अंतर को समझना जरूरी है, क्योंकि यह परीक्षा के परिणाम की व्याख्या करने में मदद करता है। यदि आप जेईई मेन की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको यह समझना होगा कि परसेंटाइल कैसे गणना की जाती है और यह आपके एडमिशन पर कैसे प्रभाव डालती है।

छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी रैंकिंग को लेकर किसी भी प्रकार की भ्रांति न पालें और अपने स्कोर को सही तरीके से समझें। अधिक जानकारी के लिए एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

Deepak Vishwakarma

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