JUDGE CASH SCANDLE: उपराष्ट्रपति की मीटिंग में उठी मांग-पारदर्शिता के साथ HONEST जजों की हो नियुक्ति

JUDGE CASH SCANDLE: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर बड़े पैमाने पर कैश मिलने की खबरों के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीटिंग की। ज्यादातर नेताओं ने कहा कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी व उनके व्यवहार को लेकर भी आचार संहिता तय होनी चाहिए।

JUDGE CASH SCANDLE: नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर बड़े पैमाने पर कैश मिलने की खबरों के बीच उपराष्ट्रपति (Vice President) जगदीप धनखड़ ने मीटिंग (Meeting) की। इस मीटिंग में जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे।

बैठक में खुलकर मांग (Demand) करते हुए कहा गया कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। न्यायिक जवाबदेही तय होनी चाहिए, लेकिन न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी कोई असर न पड़े। बैठक में मौजूद खरगे समेत ज्यादातर नेताओं ने कहा कि जजों (JUDGE’ES) की नियुक्ति (Appointment) की प्रक्रिया में पारदर्शिता (Transparency) होनी चाहिए और ईमानदारी (HONEST) व उनके व्यवहार को लेकर भी आचार संहिता तय हो और सख्ती से उसे लागू भी किया जाए।

राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह पर यह मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में पहुंचे ज्यादातर नेताओं की राय थी कि जजों की नियुक्ति में उचित पारदर्शिता नहीं है और रिश्वत लिए जाने के मामले भी आ रहे हैं। फिर भी जो बदलाव किया जाए, उससे न्यायपालिका की स्वायत्तता और स्वतंत्रता प्रभावित नहीं होनी चाहिए। हालांकि न्यायिक जवाबदेही भी तय करने की जरूरत है। इस बीच कई नेताओं ने कहा कि हमें उस तीन सदस्यीय पैनल की जांच का इंतजार करना चाहिए, जिसे शीर्ष न्यायपालिका ने गठित किया है।

चर्चा के दौरान कॉलेजियम सिस्टम की खामियों पर भी बात हुई, जिसमें जज ही जजों के नामों की सिफारिश करते हैं और उन दिए हुए नामों में से ही किसी एक पर सरकार को मुहर लगानी होती है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस दौरान न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का भी सुझाव दिया।

केंद्र सरकार इस आयोग के गठन का बिल 2014 में ही लेकर आई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। तब से ही यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच मतभेद का कारण रहा है। अब जस्टिस यशवंत वर्मा वाले मामले से यह मामला फिर से उभऱा है। कांग्रेस सांसदों ने यह मांग भी है कि जस्टिस यशवंत वर्मा प्रकरण पर लोकसभा में चर्चा की जानी चाहिए।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और… More »

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