Krishna Janmabhoomi Case: हिंदू पक्ष को मिला बड़ा झटका, HC ने खारिज की अर्जी, कहा- शाही ईदगाह मस्जिद विवादित ढांचा नहीं
Krishna Janmabhoomi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। 23 मई को कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Krishna Janmabhoomi Case: उज्जवल प्रदेश डेस्क, प्रयागराज. मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की हिंदू पक्ष की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती के साथ खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के अस्तित्व को लेकर प्रस्तुत दलीलें पर्याप्त नहीं हैं और ऐसी याचिकाओं का कोई कानूनी आधार नहीं बनता। इस फैसले से मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में नया मोड़ आ गया है।
हाईकोर्ट- हिंदू पक्ष की याचिका खारिज
यह याचिका (Krishna Janmabhoomi Case) 5 मार्च 2025 को हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दाखिल की गई थी। इसमें दावा किया गया था कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद विवादित ढांचा है और इसे उसी तरह घोषित किया जाए जैसे अयोध्या के बाबरी मस्जिद मामले में किया गया था।
हिंदू पक्ष ने कहा कि मस्जिद की जगह पहले श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर था और यह संरचना वहां अवैध रूप से बनी है। याचिका में यह भी कहा गया कि इस स्थल पर मस्जिद होने का कोई वैध दस्तावेज या कानूनी अधिकार नहीं है और न ही नगर निगम में इसका पंजीकरण या टैक्स का कोई रिकॉर्ड मौजूद है।
मुस्लिम पक्ष का जवाब: 400 वर्षों से शाही ईदगाह
मुस्लिम पक्ष ने इस याचिका (Krishna Janmabhoomi Case) का पुरजोर विरोध किया और कोर्ट में आपत्ति दाखिल करते हुए कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद 400 साल से अस्तित्व में है और यह हमेशा से धार्मिक स्थल के रूप में स्वीकार की जाती रही है।
मुस्लिम पक्ष ने कहा कि केवल दावा करने से कोई ऐतिहासिक या कानूनी हकीकत नहीं बदलती। उन्होंने कोर्ट से मांग की कि इस प्रकार की अनुचित याचिका को कठोर दंड के साथ खारिज किया जाए ताकि सामाजिक सौहार्द पर आंच न आए।
Krishna Janmabhoomi Case: चार बार हो चुकी सुनवाई, 18 याचिकाएं लंबित
Krishna Janmabhoomi Case मे अब तक चार बार हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है, और 23 मई को जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकमात्र बेंच ने मामले को सुरक्षित रखा। इसके अतिरिक्त, श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़ी हिंदू पक्ष की 18 अन्य याचिकाओं पर भी अदालत में सुनवाई चल रही है।
कोर्ट ने साफ कहा कि केवल अतीत की घटनाओं के आधार पर किसी धार्मिक स्थल को विवादित घोषित नहीं किया जा सकता जब तक कि ठोस सबूत पेश न किए जाएं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और आगे की राह
गौरतलब है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर 1670 में हुआ था। हिंदू पक्ष का मानना है कि इसे भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर बनाया गया था। इसी आधार पर मस्जिद को हटाने की मांग की जा रही है।
Krishna Janmabhoomi मामले में कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि विवादों को साक्ष्य और कानून के आधार पर नहीं, भावनाओं और ऐतिहासिक घटनाओं के आधार पर ही हल किया जाएगा। यह मामला अभी भी संवेदनशील बना हुआ है और इसके अन्य पहलुओं पर आगे भी कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।