Kuno National Park: चीता वीरा ने दो शावकों को दिया जन्म
Kuno National Park: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर साझा की पहली तस्वीरें

Kuno National Park: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से अच्छी खबर आई है। मादा चीता वीरा ने मंगलवार को दो शावकों को जन्म दिया है। नन्हें शावकों की तस्वीरें सामने आई हैं, जो उनके जन्म की पुष्टि करती हैं। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। हालांकि, अब तक अधिकारियों ने केवल दो शावकों की उपस्थिति की पुष्टि की है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता वीरा के दो शावकों के जन्म पर खुशी जताई है। उन्होंने नवजात शावकों का स्वागत किया और उनकी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा कीं।
सीएम यादव ने कहा, मुझे इन छोटों की खबर साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मध्य प्रदेश में चीतों की आबादी लगातार बढ़ रही है। आज मादा चीता वीरा ने दो शावकों को जन्म दिया है। मैं मध्य प्रदेश के लोगों को उनके आगमन पर हार्दिक बधाई देता हूं।
उन्होंने चीता परियोजना में शामिल सभी अधिकारियों, पशु चिकित्सकों और फील्ड स्टाफ को उनके समर्पित प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में चीतों की आबादी में निरंतर वृद्धि से पर्यटन को नया बढ़ावा मिल रहा है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में चीतों और संपूर्ण वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण, संरक्षण और बहाली के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
वीरा की यात्रा किसी रोमांच से कम नहीं है। इससे पहले वह तब सुर्खियों में आई थीं, जब वह विभिन्न क्षेत्रों से होकर 25 दिनों की यात्रा पर निकलते हुए पार्क की सीमाओं से भटक गई थीं।
ग्वालियर पहुंचने से पहले उसने मुरैना में जौरा और पहाड़गढ़ को पार किया। भंवरपुरा के बागवाला गांव में उसने बकरियों के झुंड पर हमला करके और चरवाहे के ठीक सामने तीन बकरियों को खींचकर स्थानीय लोगों को चौंका दिया। कई दिनों की ट्रैकिंग के बाद, कुनो की टीम ने आखिरकार उसे ढूंढ लिया और उसे सुरक्षित वापस ले आई।
अब उसके शावकों के जन्म के साथ पार्क एक और मील का पत्थर मना रहा है। वन्यजीव अधिकारी मां और उसके नवजात शिशुओं की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। इस क्षण को चीते की आबादी को उसके प्राकृतिक आवास में पुनर्जीवित करने की भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।