Laxman Rekha: रावण क्यों नहीं लांघ पाया था लक्ष्मण द्वारा खींची रेखा, जाने इस शक्ति का रहस्य

Laxman Rekha Ramayan : जब भी रामायण की चर्चा होती है तो लक्ष्मण रेखा की बात जरूर होती है. लक्ष्मण ने माता सीता की रक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा खींची थी. परंतु रावण ने छल से माता सीता को लक्ष्मण रेखा लांघने को मजबूर किया और अपहरण कर लिया था. जिसके बाद भगवान श्रीराम और रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ.

Laxman Rekha in Hindi : रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम माता सीता को सकुशल लेकर वापस अयोध्या लौटे थे. ऐसे में कई बार मन ये सवाल उठता है कि आखिर लक्ष्मण रेखा में ऐसी कौन-सी शक्ति थी, जिसके कारण रावण जैसा शक्तिशाली और पराक्रमी भी उसे पार नहीं कर पाया. आइये जानते हैं लक्ष्मण रेखा से जुड़ी रोचक बातें.

क्या है लक्ष्मण रेखा

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि वन में लक्ष्मण जी ने माता सीता की रक्षा के लिए एक घेरा बनाया था, जिसे लक्ष्मण रेखा कहा गया. जब रावण के मामा ने सोने के मृग का रूप धारण कर राम की आवाज में लक्ष्मण को पुकारा तो माता सीता ने लक्ष्मण को श्रीराम की रक्षा करने के लिए भेज दिया. उस समय लक्ष्मण ने माता सीता को समझाया कि यह एक माया है, लेकिन माता सीता ने लक्ष्मण की बात नहीं मानी और उनके आदेश पर लक्ष्मण श्रीराम की सहायता के लिए निकल गए.

लेकिन जाने से पहले लक्ष्मण ने माता सीता की झोपड़ी के चारों ओर एक सुरक्षा रेखा बना दी, ताकि बाहर से कोई भी प्राणी अंदर ना आ सके. लक्ष्मण ने यह घेरा माता सीता की रक्षा के लिए बनाया था.

लक्ष्मण रेखा की शक्ति का रहस्य

लक्ष्मण रेखा की शक्ति का पता इस बात से चलता है कि रावण जैसा बलशाली और वेदों-शास्त्रों का ज्ञाता भी उसे लांघ नहीं पाया. माना जाता है कि लक्ष्मण रेखा मंत्रों का उपयोग करके बनाई गई एक रेखा थी. कहा जाता है लक्ष्मण जी राम और सीता जी के साथ वनवास के समय ब्रह्मचर्य जीवन जी रहे थे और हर दिन योग और साधना किया करते थे. इसी योग और साधना की शक्ति से उन्होंने लक्ष्मण रेखा बनाई, जिसको लांघने के बाद रावण भस्म हो जाता.

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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