महाकुंभ: महंत का स्टार कल्चर के बहाने ममता कुलकर्णी पर निशाना-‘सच्चे भक्तों को ग्लैमर नहीं चाहिए’

Maha Kumbh: प्रयागराज महाकुंभ के दौरान वायरल हो रही हस्तियों की चर्चा पर संतों का एक वर्ग नाखुश है। उदासीन अखाड़ा बंदुआ कला छावनी के महंत धर्मेन्द्र दास ने 'आईआईटी बाबा' अभय सिंह और अभिनेत्री ममता कुलकर्णी पर निशाना साधा है कि "महाकुंभ ग्लैमर और पांच सितारा संस्कृति का केंद्र नहीं है। यह संतों, श्रद्धालुओं और सनातन धर्म का केंद्र है।"

Maha Kumbh: उज्जवल प्रदेश, प्रयागराज. प्रयागराज महाकुंभ के दौरान वायरल हो रही हस्तियों की चर्चा पर संतों का एक वर्ग नाखुश है। उनका कहना है कि इन चर्चाओं से महाकुंभ का असली उद्देश्य श्रद्धालुओं की आस्था और आध्यात्मिकता गायब हो रहा है। उदासीन अखाड़ा बंदुआ कला छावनी के महंत धर्मेन्द्र दास ने कहा, “महाकुंभ ग्लैमर और पांच सितारा संस्कृति का केंद्र नहीं है। यह संतों, श्रद्धालुओं और सनातन धर्म का केंद्र है।”

उनका यह बयान ऐसे समय पर आया जब महाकुंभ के दौरान कई मॉडल, अभिनेता और इन्फ्लुएंसर्स ने अपनी एक छोटी सी प्रसिद्धि पाई है। मॉडल से साध्वी बनी हर्षा रिचारिया, माला बेचने वाली मोनालिसा, ‘आईआईटी बाबा’ अभय सिंह और अभिनेत्री ममता कुलकर्णी जैसे नामों ने सुर्खियां बटोरी हैं। महंत दास ने पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा, “अगर मीडिया संतों के बजाय ऐसे लोगों को बढ़ावा देती है तो इसकी गलती मीडिया की है। मीडिया हाउस इस तरह की बातें क्यों कर रहे हैं। आपको खुद सोचना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि कई श्रद्धालु संगम पर रात बिताने आते हैं और गंगा में स्नान करते हैं। वे “ग्लिट्ज और ग्लैमर” या “बड़े तंबू” में रुचि नहीं रखते हैं। महंत ने माघी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे श्रद्धालु जो अपने विश्वास के लिए कुंभ आते हैं उन्हें “सच्चा मोक्ष” मिलता है। उन्होंने कहा, “वे संगम आए हैं। हमें उनसे एक बड़ा पाठ सीखना चाहिए।” उन्होंने कहा कि जब ममता कुलकर्णी को एक अखाड़े द्वारा ‘महामंडलेश्वर’ का पद दिए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर का पद अखाड़ों के संतों से परामर्श करने के बाद ही दिया जाता है। अगर कोई बड़ा विद्वान है और उसकी सेवा सराहनीय है तो उसे यह पद दिया जाता है।”

महंत दास ने आगे कहा कि अखाड़े के पास अधिकार है कि अगर कोई व्यक्ति गलत करता है, तो उसका पद वापस लिया जा सकता है। आपको बता दें कि किन्नर अखाड़े ने बाद में ममता कुलकर्णी को इस पद से हटा दिया था। माघी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में हुई मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए महंत दास ने कहा कि वे अभी भी उस दिन की पीड़ा से उबर नहीं पाए हैं। महंत दास ने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं का बार-बार निरीक्षण किया, लेकिन अधिकारी VIP मूवमेंट पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे और आम श्रद्धालुओं के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे।”

उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए विशेष सुविधाएं दीं, जिससे योगी आदित्यनाथ के प्रयासों पर पानी फेर दिया गया। भगदड़ में जिन श्रद्धालुओं की जान गई, वे स्नान करने के लिए संगम की ओर बढ़ रहे थे। महंत दास ने कहा, “कुछ श्रद्धालुओं का ऐसा विश्वास होता है कि वे यहां आकर रेत पर सोते हैं। आप जितने भी बड़े तंबू बना लें, श्रद्धा और गंगा के प्रति प्रेम कुछ श्रद्धालुओं को सच्चे मोक्ष की ओर ले जाता है।”

उन्होंने कहा कि अगर महाकुंभ में 50 करोड़ लोग आएं, तो इनमें से 15-20 करोड़ लोग ऐसे होते हैं जो रेत पर सोते हैं और खुले आकाश के नीचे रात बिताते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, 6 फरवरी तक महाकुंभ में करीब 39 करोड़ श्रद्धालु पहुंच चुके थे। महंत दास ने भगदड़ के बारे में बात करते हुए कहा कि एक जांच होनी चाहिए कि पुलों को क्यों बंद किया गया था, जिससे संगम नोज पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया है।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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