Manipur Political Crisis 2025: BJP विधायकों ने सरकार बनाने का किया दावा, राज्यपाल से की मुलाकात
Manipur Political Crisis 2025: पिछले कुछ सालों से जातीय हिंसा की चपेट में रहा मणिपुर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह है सरकार गठन को लेकर बढ़ती राजनीतिक उठापटक। एनडीए के 10 विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की और 22 विधायकों के समर्थन का दावा भी किया

Manipur Political Crisis 2025: उज्जवल प्रदेश डेस्क, मणिपुर. जो पिछले कुछ वर्षों से जातीय हिंसा की चपेट में है, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार कारण है—सरकार गठन को लेकर तेज होती राजनीतिक हलचल। बीजेपी के 8, NPP के 1 और 1 निर्दलीय विधायक समेत कुल 10 विधायकों ने राजधानी इंफाल स्थित राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मीटिंग की और साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा।
Manipur Political Crisis 2025- 22 विधायकों का समर्थन मिलने का दावा
बीजेपी विधायक राधेश्याम सिंह ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा, “हमारे पास 22 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। हम चाहते हैं कि राज्य में जल्द से जल्द एक जन-समर्थित सरकार बने। राज्यपाल से आग्रह किया गया है कि वह हमारे दावे पर विचार करें और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत निर्णय लें।”
स्वतंत्र विधायक बोले—जनता चाहती है स्थिर सरकार
स्वतंत्र विधायक निशिकांत सिंह ने कहा, “हम यहां इसलिए आए हैं क्योंकि मणिपुर (Manipur Political Crisis 2025) की जनता एक स्थायी और लोकप्रिय सरकार चाहती है। हमने राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन के स्थान पर चुनी हुई सरकार के गठन की बात कही है। हमें विश्वास है कि राज्य में जल्द ही नई सरकार बनेगी।” उनके अनुसार, प्रस्तुत दस्तावेज़ पर 22 विधायकों के हस्ताक्षर हैं और 10 विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे।
Manipur Political Crisis 2025- 13 फरवरी 2025 से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है
गौरतलब है कि मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसा ने राज्य को अस्थिर कर दिया है, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों बेघर हो चुके हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा देने के बाद, केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है, पर फिलहाल यह निलंबित है।
इतिहास: मणिपुर में अब तक 11 बार राष्ट्रपति शासन लागू
मणिपुर (Manipur Political Crisis 2025) भारत का ऐसा राज्य है जहां 1967 से अब तक 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है। हर बार राजनीतिक अस्थिरता, दलबदल या हिंसा इसके पीछे कारण रहे हैं। यहां कुछ मुख्य घटनाएं:
- 1967: पहली बार 66 दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन
- 1969-72: पूर्ण राज्य की मांग को लेकर हुई हिंसा के कारण 2 साल से अधिक समय तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा
- 1993-94: नगा-कुकी संघर्ष के चलते 347 दिन
- 2001-02: बहुमत खोने पर 277 दिन राष्ट्रपति शासन
- 2025: वर्तमान राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी से लागू
- राज्य की राजनीति लंबे समय से जातीय तनाव और गठबंधन टूटने जैसी चुनौतियों से जूझ रही है।