Mohini Ekadashi 8 अप्रैल 2025 को, घर को करें दीपक से रोशन

Mohini Ekadashi पंचांग के अनुसार इस बार 7 मई की सुबह 10. 19 मिनट से शुरू होगी जो 8 मई 12.29 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन पूरे घर में दीपक जलायें, मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद मिलेगा।

Mohini Ekadashi : उज्जवल प्रदेश डेस्क. मोहनी एकादशी पंचांग के अनुसार इस बार शुक्ल पक्ष में 7 मई की सुबह 10. 19 मिनट से शुरू होगी जो 8 मई 12.29 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन पूरे घर में दीपक जलायें, मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद मिलेगा। बता दें कि हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत होता है। इसके साथ ही भक्त भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। हर साल वैशाख माह में मोहिनी एकादशी व्रत किया जाता है।

सभी पापों से छुटकारा मिलता है

धार्मिक मान्यता है कि मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) के दिन भगवान श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से जीवन में सभी प्रकार की सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जातक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। कहते हैं कि मोहिनी एकादशी के दिन विशेष जगहों पर दीपक जलाने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

ये है शुभ मुहूर्त

वैदिक शास्त्र की मानें तो वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 07 मई को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन यानि की अगले दिन 8 मई को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का खास महत्व है।

देसी घी का दीपक जलायें, मिलेंगे शुभ परिणाम

धार्मिक मान्यता है कि मां तुलसी की पूजा करने से धन लाभ के योग बनने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी के पोधे के पास देसी घी का दीपक जरूर जलायें घर में सुख-शांति का वास होता है। इसक साथ ही साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलने शुरू हो जाते हैं।

जातक की आर्थिक तंगी होगी दूर

मोहिनी एकादशी के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर देसी घी या तेल का दीपक जलाएं। कहते हैं कि इस उपाय को करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। इसके साथ ही घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इसके अलावा आर्थिक तंगी की समस्या से छुटकारा मिलता है।

दीपदान करें, पापों से मिलेगी मुक्ति

सबसे बड़ी बात ये है जो कि मोहिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद नदी में दीपदान करें। मान्यता है कि दीपदान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button