सेना और IIT Kanpur के बीच हुआ एमओयू , पीड़ित पहचान प्रणाली को लेकर हुआ समझौता
IIT Kanpur: देश की बर्फीली सीमाओं पर तैनात सैनिकों के गुम होने पर उन्हें आसानी से तलाशा जा सके इसके लिए स्वचालित हिमस्खलन पहचान प्रणाली डिवेलप किया जाएगा।

IIT Kanpur: उज्जवल प्रदेश, कानपुर. देश की बर्फीली सीमाओं पर तैनात सैनिकों के गुम होने पर चमकदार द्रव के जरिए आसानी से तलाशा जा सकेगा। इसके लिए सेना और आईआईटी कानपुर के बीच स्वचालित हिमस्खलन पीड़ित पहचान प्रणाली (एएवीडीएस) डिवेलप करने को लेकर एमओयू हुआ।
सूर्या कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के नेतृत्व में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य स्वदेशी तकनीक से अत्याधुनिक प्रणाली विकसित करना है, जो हिमस्खलन के दौरान बर्फ में दबे कर्मियों का तुरंत पता लगाने में सक्षम हो। योजना के तहत सैनिक की वर्दी में एक कॉम्पैक्ट अटैचमेंट से प्रक्षेपित प्रकाशमान द्रव का उपयोग किया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा कि स्वदेशी तकनीक दुर्गम ऊंचाई और बर्फीले क्षेत्रों में आपात स्थिति में फंसे सैनिकों को बचाने में काफी मददगार साबित होगी। सूर्या कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने कहा कि यह पहल रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता और दुर्गम इलाकों में क्षेत्रीय इकाइयों की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता दर्शाती है।
हिमस्खलन में फंसे सैनिकों की सुरक्षा, सेना-आईआईटी कानपुर में साझेदारी https://t.co/Z7tLq66sFr @ProDefLko
— aditya srivastava (@aditya_indian) July 11, 2025
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रो. डॉ. सुब्रमण्य ने कहा कि यह सहयोग घरेलू अनुसंधान एवं विकास एजेंसियों को भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाने में योगदान का अवसर है। इस परियोजना की प्रगति और निगरानी लेफ्टिनेंट कर्नल पीयूष धारीवाल के नेतृत्व में मुख्यालय मध्य कमान के अंतर्गत एक आयुध रखरखाव कंपनी करेगी।