MP Big News: सरकार का बड़ा फैसला, फिजियोथेरेपी ‘Dr.’ उपाधि के हकदार, मिली चिकित्सा मान्यता, जानिए शर्तें

MP Big News: मध्य प्रदेश सरकार ने फिजियोथेरेपिस्ट को ‘डॉक्टर’ लिखने की कानूनी मान्यता दी है, लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति जरूरी होगी। राज्य में 3028 पंजीकृत फिजियोथेरेपिस्ट हैं, जिनमें 286 मास्टर डिग्री धारक हैं। चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपी की अहमियत को सरकार ने स्वीकारते हुए इसे स्वीकृत चिकित्सा पद्धति माना है।

MP Big News: उज्जवल प्रदेश डेस्क. फिजियोथेरेपिस्ट को ‘डॉ.’ उपाधि मिलने के सवाल पर मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के मुताबिक, यदि कोई फिजियोथेरेपिस्ट स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति प्राप्त करता है, तो वह अपने नाम के आगे ‘Dr.’ लिख सकता है। इससे जुड़ी शर्तें और मेडिकल समुदाय की प्रतिक्रिया जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

फिजियोथेरेपिस्ट को ‘डॉक्टर’ का दर्जा, सरकार ने बताईं शर्तें

मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि राज्य में पंजीकृत फिजियोथेरेपिस्ट कानूनी रूप से ‘डॉक्टर’ (Dr.) की उपाधि धारण कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। सरकार का कहना है कि यह उपाधि केवल उन्हीं फिजियोथेरेपिस्ट को मिलेगी, जिनके पास बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) या मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (MPT) की मान्यता प्राप्त डिग्री है और जिन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुमति प्राप्त की है।

यह घोषणा मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग द्वारा की गई। सरकार ने बताया कि भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के गजट के अनुसार, फिजियोथेरेपिस्ट को कानूनी रूप से चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इस फैसले के बाद, अब राज्य में पंजीकृत 3028 फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे ‘Dr.’ लिख सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार की शर्तों का पालन करना होगा।

फिजियोथेरेपी को क्यों मिली मान्यता?

फिजियोथेरेपी एक वैज्ञानिक रूप से मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति है, जिसमें शरीर की प्राकृतिक चिकित्सा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इसमें मरीजों का उपचार एक्सरसाइज़, मैन्युअल थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी, और अन्य तकनीकों के माध्यम से किया जाता है। सरकार के अनुसार, इस क्षेत्र में पेशेवर लोगों की जरूरत को देखते हुए इसे अधिक मान्यता दी गई है।

फिजियोथेरेपिस्ट के कार्य और जिम्मेदारियां

सरकार के गजट में फिजियोथेरेपिस्ट की निम्नलिखित जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया गया है:

  • निदान और इलाज: फिजियोथेरेपिस्ट मरीजों की शारीरिक समस्याओं का निदान कर सकते हैं और उपचार कर सकते हैं।
  • एक्सरसाइज़ और मोबिलिटी थेरेपी: मरीजों को बेहतर गतिशीलता प्रदान करने के लिए विभिन्न व्यायाम और थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
  • इलेक्ट्रिकल और थर्मल एजेंट्स: इलेक्ट्रोथेरेपी और हीट थेरेपी के माध्यम से दर्द और सूजन का उपचार किया जाता है।
  • रिकवरी: चोटों, सर्जरी के बाद की रिकवरी, और डिसेबिलिटी के मामलों में फिजियोथेरेपी मददगार होती है।
  • सुझाव और समाधान: फिजियोथेरेपिस्ट लोगों को स्वास्थ्य और फिटनेस से जुड़े सुझाव और समाधान प्रदान कर सकते हैं।

डॉक्टर उपाधि के लिए क्या हैं शर्तें?

सरकार ने स्पष्ट किया कि हर फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे ‘Dr.’ नहीं लिख सकता। इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:

  • बैचलर या मास्टर डिग्री अनिवार्य: फिजियोथेरेपिस्ट के पास बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) या मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (MPT) की मान्यता प्राप्त डिग्री होनी चाहिए।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति: डॉक्टर उपाधि का उपयोग करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से लिखित अनुमति आवश्यक होगी।
  • स्वतंत्र प्रैक्टिस की पात्रता: गजट के अनुसार, योग्य फिजियोथेरेपिस्ट स्वतंत्र रूप से मरीजों का निदान और उपचार कर सकते हैं।
  • मेडिकल टीम का हिस्सा बनने की पात्रता: फिजियोथेरेपिस्ट अस्पतालों, क्लीनिकों और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की टीम के साथ कार्य कर सकते हैं।

मध्य प्रदेश में फिजियोथेरेपिस्ट की स्थिति

राज्य में फिजियोथेरेपिस्ट की कुल संख्या 3028 है, जिनमें से 286 के पास मास्टर डिग्री (MPT) है, जबकि 2742 बैचलर डिग्री धारक (BPT) हैं। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में फिजियोथेरेपिस्ट के लिए नियमित पद स्वीकृत नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत 107 संविदा पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 94 पद भरे जा चुके हैं, जबकि 13 पद अभी रिक्त हैं।

फिजियोथेरेपिस्ट को डॉक्टर उपाधि देने पर विवाद

हालांकि, सरकार के इस फैसले का कुछ मेडिकल संगठनों और डॉक्टर एसोसिएशनों ने विरोध किया है। उनका मानना है कि ‘डॉ.’ उपाधि केवल उन्हीं लोगों को दी जानी चाहिए, जिन्होंने MBBS, BDS, BHMS, या BAMS जैसी पारंपरिक चिकित्सा डिग्री प्राप्त की है।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि फिजियोथेरेपी चिकित्सा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन इसे संपूर्ण मेडिकल डिग्री नहीं माना जा सकता। वहीं, फिजियोथेरेपिस्ट समुदाय इस फैसले का स्वागत कर रहा है और इसे अपने पेशे की मान्यता के रूप में देख रहा है।

सरकार का रुख क्या है?

मध्य प्रदेश सरकार ने इस विषय पर स्पष्ट किया है कि फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका चिकित्सा प्रणाली में बेहद अहम है और उन्हें उचित पहचान मिलनी चाहिए। हालांकि, यह मान्यता केवल उन्हीं फिजियोथेरेपिस्ट को दी जाएगी जो आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं।

सरकार का कहना है कि यह फैसला मरीजों के लाभ के लिए लिया गया है ताकि उन्हें योग्य और प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट से बेहतर उपचार मिल सके।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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