MP News: MP BJP में अंदरूनी कलह दूर करने हाईकमान गंभीर

MP News: मध्यप्रदेश बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर घमासान थामने पार्टी हाईकमान नजर रख रहा है। केंद्रीय नेतृत्व पार्टी में मची कलह को शांत करने के लिए आगे आ सकता है।

MP News: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्यप्रदेश बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर घमासान थामने पार्टी हाईकमान नजर रख रहा है। केंद्रीय नेतृत्व पार्टी में मची कलह को शांत करने के लिए आगे आ सकता है। पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद भाजपा नेताओं में पनपी नाराजगी को शांत कर सकता है।

सूत्रों के अनुसार पार्टी के प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को अंदरूनी कलह को शांत करने के लिए कहा जा सकता है। बुंदेलखंड से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के बीच कलह है। विंध्य क्षेत्र में विधायक भी आपस में ही भिड़ गए हैं। सीधी से विधायक रीति पाठक ने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम और विधायक प्रदीप पटेल भी आमने-सामने हैं।

विधायक नरेंद्र प्रजापति और सिद्धार्थ तिवारी के बीच हाल ही में तकरार शुरू होने वाली थी। दोनों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक आमने-सामने हैं। खबरें हैं कि पार्टी में अंदरूनी कलह के कारण विधानसभा उपचुनाव में रामनिवास रावत की हार हुई। चुनाव में हार के बाद इन दोनों गुटों के बीच लड़ाई और तेज हो गई।

पार्टी के जिला इकाई अध्यक्षों के चुनाव के बाद अंदरूनी कलह और गहरा गई है। जिन नेताओं के समर्थक जिला इकाई अध्यक्ष नहीं बन पाए, वे प्रदेश इकाई अध्यक्ष के चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह और बढ़ सकती है। जिला इकाई अध्यक्षों के चुनाव के बाद मालवा और निमाड़ क्षेत्र के नेताओं के बीच तकरार भी तेज हो गई है।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेता दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से एक-दूसरे की शिकायत कर रहे हैं। केंद्रीय नेता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के चुनाव का भी इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद नेतृत्व प्रदेश नेताओं में नाराजगी को नियंत्रित करने की योजना तैयार करेगा।

पार्टी में अंदरूनी कलह को रोकने के लिए पार्टी नेताओं को अलग-अलग जगहों पर समायोजित किया जाएगा। कुछ नेताओं को सरकार में पद दिए जाएंगे। जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, उनमें से कुछ को निगम और बोर्ड में समायोजित किया जा सकता है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

Related Articles

Back to top button